धर्मशाला, 28 जुलाई। भारतीय खाद्य निगम के महाप्रबंधक पंकज चौधरी ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा गेंहू के उत्पाद जैसे आटा, मैदा, सूजी, दलिया आदि बनाने वाले उपक्रमों को गेंहू की उपलब्धता बनाए रखने के लिए गेंहू की साप्ताहिक ई- नीलामी के शर्तों में कुछ आंशिक सुधार किए हैं जिससे की अलग अलग स्वामित्व वाले इकाइयों को गेंहू की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके जो की गेंहू उत्पादों के बाजार मूल्यों में स्थिर रखने में सहायक सिद्ध होंगे।
पूर्व में एक जीएसटी नंबर पर अधिकतम 100 मेट्रिक टन गेंहू की खरीद की जा सकती थी जिसमे परिवर्तन कर अब जीएसटी के साथ-साथ पैन नंबर भी लिंक कर दिया गया है तथा एक पैन नंबर पर खरीद की अधिकतम सीमा 100 मेट्रिक टन निर्धारित कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि नीलामी में गेंहू खरीद करने वाले इकाइयों, उपक्रमों को इस बात का प्रमाणपत्र भी देना होगा की उनके द्वारा नीलामी में क्रय किए गए गेंहू से गेंहू उत्पादों का निर्माण उनके स्वयं के उपक्रम द्वारा की जाएगी ना की क्रय किए गए गेंहू को किसी दूसरे उपक्रम या व्यापारी को बेचा जाएगा। प्रत्येक बुधवार को होने वाले नीलामी में भाग लेने वाले उपक्रमों को पहले अमानत राशी मंगलवार तक जमा करने के बजाए अब अमानत राशी सोमवार को 6 बजे सायं तक जमा करने होंगे।
28 जून से प्रारंभ हुए ई- नीलामी में भारतीय खाद्य निगम द्वारा अब तक पाँच साप्ताहिक नीलामी में 8200 मेट्रिक टन गेंहू की बिक्री प्रदेश में की जा चुकी है तथा भविष्य में भी गेंहू, चावल की खुले बाजार में बिक्री चालू रखी जाएगी।
गेंहू खरीद के लिए जीएसटी के साथ पैन नंबर भी जरूरी
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