हमीरपुर 28 जुलाई। प्रदेश सरकार द्वारा भाषा एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से जिला हमीरपुर के सांस्कृतिक विरासतों के संवद्र्धन व संरक्षण के लिए आवर्ती निधि योजना एवं धार्मिक संस्थानों, पुरातन स्मारकों व पुरास्थलों के लिए सहायता अनुदान योजना के अंतर्गत अनुदान राशि प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
जिला भाषा अधिकारी निक्कू राम ने बताया कि आवर्ती निधि योजना के अतंर्गत वे मंदिर शामिल होंगे जिनकी भूमि विभिन्न भू-सुधार अधिनियमों (1953, 1972) के तहत मुजारों, सरकार में निहित हुई है तथा इस कारण बिना आय स्रोतों के मंदिरों का रख-रखाव व पूजा-अर्चना का कार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है। आवर्ती निधि योजना के अंतर्गत अनुदान राशि के माध्यम से मंदिरों में पूजा अर्चना व रखरखाव के अलावा सी.सी.टी.वी. कैमरे इत्यादि लगवाए जा सकते हैं और अतिरिक्त एकमुश्त अनुदान लेकर मंदिर परिसर में आय का साधन बढ़ाने के लिए सराय, दुकान या अन्य परिसंपत्तियों का निर्माण करवाया जा सकता है।
जिला भाषा अधिकारी ने बताया कि धार्मिक संस्थानों, पुरातन स्मारकों व पुरास्थलों के लिए सहायता अनुदान योजना के अंतर्गत ऐसे मंदिर जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध एवं 50 वर्ष प्राचीन हों, वे सभी योजना के लिए पात्र हैं। दोनों योजनाओं के अनुसार जिला हमीरपुर के सभी पात्र मंदिर समितियां आवेदन के लिए निर्धारित प्रपत्र जिला भाषा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। योजनाओं से संबंधित अधिक जानकारी के लिए कार्यालय के दूरभाष 01972-293630 और 94597-54630 पर संपर्क किया जा सकता है।
भाषा एवं संस्कृति विभाग मंदिरों के लिए प्रदान करेगा अनुदान राशि
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