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ऊना, 7 अगस्त – जिला दंडाधिकारी राघव शर्मा ने बताया कि स्वां नदी के तटीकरण प्रोजेक्ट के कार्य, जैव विविधता और पुलों जैसी सार्वजनिक सम्पतियों को संरक्षित करने के लिए स्वां नदी एवं उसकी सहायक खड्डों में अवैध खनन को रोकना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि ऊना में अवैध खनन से निपटने के लिए जिला स्तर पर जिला राहत एवं पुनर्वास कमेटी बनाई गई है। उन्होंने बताया कि अवैध खनन की रोकथाम के लिए पुलिस, माईनिंग विभाग, उद्योग विभाग, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, स्वां बाढ़ नियंत्रण विभाग तथा समस्त उपमंडलाधिकारी को उचित दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि ज़िला के किसी भी पुल से 200 मीटर अपस्ट्रीम (बहाव के विरुद्ध) और 500 मीटर डाउनस्ट्रीम (बहाव की दिशा में) किसी भी प्रकार का खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। लोक निर्माण विभाग इस प्रतिबंधित क्षेत्र को बड़े पिलर लगा कर स्पष्ट रूप से अंकित करेगा और सभी पुलों के साथ इस प्रतिबंधित क्षेत्र में उपयुक्त जगह पर प्रतिबन्ध के सूचना बोर्ड लगाना सुनिचिश्त करेगा। उन्होंने बताया कि किसी भी स्थान पर पुलों के समीप प्रतिबंधित क्षेत्र में खनन पाए जाने पर लोक निर्माण विभाग द्वारा निकटतम पुलिस थाने में तुरंत एफआईआर दर्ज की जाएगी। यदि इस प्रतिबंधित क्षेत्र के अंतर्गत कोई खनन की लीज माइनिंग विभाग द्वारा दी गई है तो माइनिंग अधिकारी तुरंत उसकी समीक्षा करेंगे और प्रतिबंधित क्षेत्र को विभाग द्वारा लीज से निकाला जाए।
उपायुक्त ने बताया कि स्वां बाढ़ नियंत्रण विभाग स्वां नदी और सहायक खड्डों के तटीकरण प्रोजेक्ट का विशेष सर्वे का कार्य एक माह के भीतर पूर्ण करके तटीकरण को हो रहे नुकसान की रिपोर्ट आंकलन करके कारणों सहित प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें विशेषकर खनन से हो रहे नुक्सान के पहलुओं पर स्पष्ट रिपोर्ट की जाएगी। किसी भी स्थान पर स्वां नदी और सहायक खड्डों के तटीकरण को नुक्सान होने/पाए जाने की स्थिति में स्वां बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा निकटतम पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
उन्होंने बताया कि स्वां नदी और सहायक खड्डों के दोनों तटों से नदी/खड्ड के 75 मीटर अंदर की ओर के क्षेत्र में किसी भी प्रकार का खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी स्थान पर स्वां नदी और सहायक खड्डों के तटों से 75 मीटर नदी/खड्ड के अंदर की ओर के प्रतिबंधित क्षेत्र में खनन पाए जाने पर स्वां बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा निकटतम पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
उन्होंने बताया कि ज़िला में किसी भी स्थान पर अवैध खनन में लिप्त मशीनरी/टिप्पर/वाहन इत्यादि पकडे़ जाने पर पुलिस एवं माइनिंग विभाग अनिवार्य रूप से कार्रवाई करेगें। अवैध खनन में लिप्त मशीनरी/टिप्पर/वाहन इत्यादि पर न्यूनतम जुर्माना रु 50 हज़ार और अधिकतम जुर्माना रु 5 लाख रूपये किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दूसरी बार अवैध खनन के मामले में मशीनरी/टिप्पर वाहन इत्यादि पकडे़ जाने पर अधिकतम जुर्माना ही लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अवैध खनन के मामलों में उपरोक्त जुर्माने के अलावा पुलिस एवं माइनिंग विभाग द्वारा हर अवैध खनन का मामला सम्बंधित उप-मंडल अधिकारी(ना) को लिखित में सूचित करेगा। उन्होंने बताया कि पर्यावरण प्रतिकर का आंकलन माइनिंग अधिकारी ऊना द्वारा प्रक्रिया के अनुरूप किया जायेगा और यह राशि उप-मंडल अधिकारी (ना) द्वारा उल्लंघनकर्ता से वसूली जाएगी। पर्यावरण प्रतिकर की वसूली तक जब्त किये गए मशीनरी/टिप्पर/वाहन को छोड़ा नहीं जाएगा।
इसके अतिरिक्त अवैध खनन में पकड़े जाने पर पुलिस और माइनिंग विभाग द्वारा चालान के अतिरिक्त उस वाहन के पंजीकरण और ड्राईवर के ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द करने का मामला सम्बंधित पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग प्राधिकरण उप-मंडलाधिकारी (ना) या आरटीओ को अनुसंशा सहित भेजा जाएगा और सम्बंधित पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा नियमानुसार वाहन और ड्राईवर के अवैध गतिविधियों में शामिल होने के कारण वाहन का पंजीकरण और ड्राईवर का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि ज़िला में किसी भी स्थान पर अवैध खनन में लिप्त मशीनरी/टिप्पर/वाहन इत्यादि पकडे़ जाने पर पुलिस और माइनिंग विभाग द्वारा उसकी सूचना ज़िला उद्योग महाप्रबंधक को भी दी जायेगी और ज़िला उद्योग महाप्रबंधक द्वारा यदि जांच में पाया जाता है कि उक्त वाहन/मशीनरी पर उसके मालिक द्वारा सरकार से किसी भी प्रकार के उपदान का लाभ लिया गया है तो ज़िला उद्योग महाप्रबंधक सरकार से लिए गए उपदान को वसूल करेंगे।
राघव शर्मा ने बताया कि इन आदेशों की अक्षरक्षः पालना सभी अधिकारियों व विभागों द्वारा की जाएगी। आदेशों की उल्लंघना संबंधित कानून की धारा के साथ-साथ भारतीय दंड सहिंता की धारा 188 के उल्लंघन के लिए दंडनीय अपराध माना जाएगा।