मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर ने आज यहां कहा कि पिछले कुछ समय से हिमाचल प्रदेश भारी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा था। इस त्रासदी से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों को व्यापक क्षति पहुंची है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्रभी इससे अछूता नहीं रहा परन्तु सरकार की प्रतिबद्धता से रिकॉर्ड समय में सड़क,स्वास्थ्य, बिजली, पानी जैसी मूलभूत व्यवस्थाओं को बहाल किया गया। राष्ट्रीय राजमार्गों सहित सम्पर्क सड़कों को पुनः बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। सरकार पयर्टकों की सुरक्षा और बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धहै।उन्होंने कहा कि हिमाचल पर्यटकों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और यहां कि मन भावन वादियां पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि जिला लाहौल-स्पीति और किन्नौर जैसे दूर-दराज क्षेत्रों में होटलों व होम-स्टे इत्यादि में पर्यटकों ने भारी तादाद में बुकिंग करवाई है। पर्यटकों की सुविधा के लिए कांगड़ा, कुल्लू-मनाली और जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डों के लिए हवाई सेवाएं निरन्तर जारी हैं। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि प्रदेश में आपदा के उपरान्त स्थितियां अब सामान्य हो चुकी हैं। पर्यटकों की सुरक्षा प्रदेश सरकार का दायित्व है।प्रदेश सरकार पर्यटकों को हिमाचल भ्रमण के लिए आमंत्रित करती है और राज्य पर्यटकों का स्वागत करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।
कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर आज भी झूठ की राजनीति कर रहे हैं और सत्ता में रहते हुए भी उन्होंने प्रदेश की जनता को ठगने का काम किया। आज यहां जारी एक प्रेस वक्तव्य में दोनों मंत्रियों ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से अंतरिम राहत राशि जारी करने के उनके दावे बिल्कुल झूठ हैं और केंद्र की ओर से अभी तक अंतरिम राहत की पहली किश्त भी जारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास न करें और राजनीति करने की बजाय हिमाचल प्रदेश के हित में केंद्र से आर्थिक मदद दिलाने में राज्य सरकार की सहायता करें। मंत्रियों ने कहा कि ऑडिट पैरा के कारण पिछले कुछ वर्षों की रुकी हुई 315 करोड़ रुपए की राहत राशि में से केंद्र सरकार की ओर से 189 करोड़ रूपये जारी किए गए हैं। इन ऑडिट की आपत्तियों को राज्य सरकार के प्रयासों से दूर किया गया, लेकिन अभी भी कुल राशि में से बकाया राशि जारी करना बाकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को एसडीआरएफ के अंतर्गत प्रति वर्ष कुल 360 करोड़ रुपए आपदा से हुए नुकसान की एवज में दो किस्तों में जारी की जाती हैं। 180 करोड़ रुपए की पहली किस्त को केंद्र सरकार ने जून में जारी किया तथा दिसंबर में मिलने वाली दूसरी 180 करोड़ रुपए की किस्त को एडवांस में प्रदेश को दिया है। यह 360 करोड़ रुपए हिमाचल प्रदेश का हक हैं, जो सभी राज्यों को दिए जाते हैं तथा अलग से कोई आर्थिक मदद जारी नहीं की गई है। प्रो. चंद्र कुमार और अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश में अभूतपूर्व आपदा के कारण प्रदेश को 8000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार की एक टीम ने राज्य का दौरा भी किया है, लेकिन इस नुकसान की एवज में केंद्र सरकार की ओर से अभी तक एक भी पैसा जारी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर राज्य के हालात से उन्हें अवगत करवा दिया है और प्रदेश के लिए अंतरिम राहत की पहली किश्त जारी करने की माँग की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से प्रभावितों की हर संभव सहायता करने का प्रयास कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार से अभी भी राज्य सरकार को अंतरिम राहत की पहली किश्त का इंतजार है। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण आज हिमाचल प्रदेश आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है। पिछले पाँच सालों में भाजपा ने सिर्फ डबल इंजन का ढिंढोरा पीटा लेकिन हिमाचल प्रदेश को कुछ नहीं मिला।
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