मंडी, 10 अगस्त। आपदा पश्चात आकलन के लिए मंडी आए केंद्रीय दल ने अपने दौरे के दूसरे दिन जिले में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के साथ साथ आपदा के मनोसामाजिक प्रभाव का आकलन किया। दल ने बृहस्पतिवार को मंडी जिले में बाढ़ के कारण सामाजिक क्षेत्र के साथ साथ उत्पादन और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पर पड़े असर का भी अध्ययन किया।
बता दें, केंद्रीय दल में स्वास्थ्य, शहरी विकास व अन्य मंत्रालयों के उच्च स्तरीय अधिकारी प्रेरणा सिंह, अवनीत रंधावा, चंद्र पाल और रानू शामिल हैं। यह दल आपदा के बाद की जरूरतों का आकलन करके हालात को पटरी पर लाने के लिए आवश्यक धनराशि मुहैया कराने को लेकर केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। दल सामाजिक क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सामुदायिक स्तर पर पड़े प्रभाव का आकलन करने के साथ ही उत्पादन क्षेत्र में कृषि, बागवानी तथा पर्यटन पर पड़े प्रभाव का अध्ययन कर रहा है। इसके अलावा इंफ्रास्ट्रचर और शहरी क्षेत्र में सड़क, बिजली, जलापूर्ति तथा सीवरेज योजनाओं को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
हेल्थ वेलनेस सेंटर घ्राण का किया दौरा
केंद्रीय दल ने घ्राण क्षेत्र का दौरा कर वहां बाढ़ से क्षतिग्रस्त हेल्थ वेलनेस सेन्टर का निरीक्षण किया तथा स्थानीय लोगों से बातचीत की। साथ ही वैकल्पिक जगह पर चलाए जा रहे हेल्थ वेलनेस सेंटर का अवलोकन किया। उन्होंने आपदा से आम लोगों पर पड़े मनोसामाजिक प्रभाव का आकलन किया।
उन्होंने स्वास्थ्य खंड रति के हेल्थ वेलनेस सेन्टर को बरसात के कारण हुए नुकसान का जायजा भी लिया। बरसात के कारण इस हेल्थ वेलनेस सेन्टर की छत पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।
इसके उपरांत केंद्रीय दल की सदस्य अवनीत रंधावा ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में आयोजित स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में शिरकत की। इस बैठक में जिले में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति का जायजा लिया गया। इस दौरान अवनीत रंधावा ने स्वास्थ्य विभाग को किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने की दृष्टि से पूर्व तैयारी रखने का आग्रह किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.के. भारद्वाज ने जिले में चल रहे कार्यक्रमों तथा आपदा के समय लोगों की सुविधा को उठाए कदमों से अवगत कराया।
इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर, एमएस डॉ. डी.पी. वर्मा, डॉ. पवनेश सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।