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चिंतपूर्णी में सुगम दर्शन प्रणाली से श्रद्धालुओं को माता के दर्शन करने में हो रही आसानी

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हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार के सत्ता में आते ही जिला ऊना के प्रमुख धार्मिक स्थल माता श्री छिनमस्तिका धाम चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत अनेक विकास कार्यो तथा परियोजनाओं को मूर्त रूप दिया जा रहा है। इसी कड़ी में चिंतपूर्णी में मंदिर प्रशासन द्वारा निरंतर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई परियोजनाएं आरंभ गई है जिनका सीधा लाभ श्रद्धालुओं को मिलना आरंभ हो गया है।  हाल ही में मंदिर प्रशासन द्वारा सुगम दर्शन प्रणाली आरंभ की गई है सुगम दर्शन प्रणाली का लाभ लेने वालों के लिए मंदिर प्रशासन द्वारा 1100 रुपए फीस निर्धारित की गई है जिसके  बदले में पांच लोगों तक के समूह को बाबा  माई दास सदन से मंदिर की लिफ्ट तक  ई-वाहन द्वारा मुफ्त में आने-जाने की सुविधा के अलावा लिफ्ट के माध्यम से माता चिंतपूर्णी के दर्शन करने का अवसर दिया जाता है। मंदिर में आने वाले उक्त सुविधा के इच्छुक वरिष्ठ नागरिकों तथा दिव्यांग जनों के लिए मंदिर प्रशासन द्वारा केवल 50 रुपए फीस निर्धारित की गई है तथा इस दौरान वे अपने साथ एक परिचारक को भी ले जा सकते हैं। चिंतपूर्णी मंदिर में सुव्यवस्थित तरीके से आरंभ की गई इस प्रणाली से जहां एक ओर श्रद्धालुओं को माता चिंतपूर्णी मंदिर में सुविधाजनक दर्शन हो रहे हैं वहीं उनके समय की भी बचत हो रही है। हाल ही में आरंभ की गई इस प्रणाली का लाभ लेने वाले श्रद्धालु बेहद प्रसन्न हैं तथा मंदिर प्रशासन व सरकार का शुक्रिया अदा कर रहे हैं।

माता चिंतपूर्णी मंदिर में दर्शनों के लिए आए लुधियाना निवासी रोहित सिंगला व प्रोमिला सिंगला, ओम प्रकाश व ज्योति,मोगा निवासी पंकज बंसल व विमला बंसल, जालंधर निवासी कंचन मदान, रेनू महेंद्रु, गीता खन्ना, सुरेखा पुरी तथा मधु चोपड़ा इत्यादि अनेक श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रशासन के इस फैसले की प्रशंसा की है।

 लुधियाना से सपरिवार आए श्रद्धालु डॉक्टर रोहित सिंघला ने मंदिर प्रशासन की सुगम दर्शन प्रणाली व्यवस्था के विषय में अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि यह मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत लिया गया एक महत्वपूर्ण है जिससे न केवल वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांग जनों को माता चिंतपूर्णी मंदिर में मां के दर्शन करने के लिए सुविधा मिल रही है बल्कि उनके समय की भी बचत हो रही है। डॉ सिंघला ने बताया कि वह कई वर्षों से माता चिंतपूर्णी में दर्शनों के लिए आते हैं लेकिन वर्तमान में मंदिर प्रशासन द्वारा व्यवस्था में किए गए सुधारों की बदौलत अब श्रद्धालुओं को कई अतिरिक्त सुविधाएं मिल रही हैं जिससे उन्हें मंदिर में माथा टेकने  में आसानी हो रही है।

इसी प्रकार जालंधर निवासी कंचन मैदान रेनू महेंद्रु गीता खन्ना सुरेखा पुरी तथा मधु चोपड़ा ने सुगम दर्शन प्रणाली व्यवस्था के विषय में अनुभव सांझा करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है उन्होंने बताया कि यह उनके लिए हार्दिक प्रसन्नता व आस्था का विषय है  कि मंदिर प्रशासन की इस पहल से न केवल उन्हें सुविधाजनक दर्शन हो पा रहे हैं बल्कि इसके  लिया जाने वाला मामूली शुल्क माता के खजाने में जमा हो रहा है।

मोगा के रहने वाले पंकज बंसल जो कि अपनी 70 वर्षीय माता विमला बंसल के साथ माता चिंतपूर्णी में माथा टेकने आए हुए थे ने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि मंदिर प्रशासन की योजना की बदौलत उन्होंने सपरिवार  मंदिर में माता चिंतपूर्णी का आशीर्वाद लिया। उन्होंने बताया कि उनकी 70 वर्षीय वृद्ध माता को चलने फिरने तथा ज्यादा देर तक खड़ा  रहने में परेशानी होती है तथा ऐसी अवस्था में अगर सुगम दर्शन प्रणाली की सुविधा यहां नहीं होती तो उनकी माता के लिए चिंतपूर्णी मंदिर में दर्शन करना संभव नहीं था। पंकज बंसल ने बताया कि उन्होंने इसके लिए बाबा माई दास सदन में ₹1100 की पर्ची दी व इसके पश्चात परिवार के पांच लोगों को मंदिर प्रशासन द्वारा लिफ्ट के माध्यम से दर्शन करवाने के अलावा बाबा माई दास सदन से लिफ्ट तक ई वाहन द्वारा मुफ्त आने-जाने की भी सुविधा प्रदान की गई।

स्थानीय निवासियों में गांव नारी निवासी दिलबाग सिंह व सुनीश ढडवाल ने बताया कि हाल ही में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत शुरू की गई सुगम दर्शन प्रणाली एक प्रशंसनीय प्रयास है जिससे श्रद्धालुओं को न केवल पारदर्शी तरीके से सुविधा मिल रही है बल्कि इसकी एवज में लिया जाने वाला शुल्क मंदिर प्रशासन के खजाने में जमा हो रहा है।

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