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ऊना, 18 अगस्त – जिला ऊना में अवैध खनन करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए व दोषियों से जुर्माना वसूलने के अलावा पर्यावरण मुआवजे की वसूली करने के पश्चात ही उनके वाहनों को छोड़ा जाए। यह निर्देश उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने अवैध खनन की रोकथाम के संबंध में किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा बैठक में उपस्थित अधिकारियों को दिए। उन्होंने बताया कि पर्यावरण मुआवजा की वसूली के लिए उपमंडल स्तर पर एसडीएम को अधिकृत किया गया है उन्होंने पुलिस, खनन तथा वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए की अवैध खनन के मामले पाए जाने पर जुर्माना वसूली के साथ ही संबंधित वाहन के कागज तथा ड्राइविंग लाइसेंस एसडीएम को प्रेषित किए जाएं ताकि अवैध खनन से संबंधित जुर्माने के अलावा दोषियों से पर्यावरण मुआवजा भी वसूला जा सके। उन्होंने कहा कि सरकारी अनुदान से खरीदी गई जेसीबी मशीन अथवा वाहन यदि अवैध खनन में पाया जाता है तो ऐसे मशीन अथवा वाहन मालिकों से अनुदान की वसूली की जाएगी।
उपायुक्त ने कहा कि पुलों के नजदीक 200 मीटर ऊपर तथा 500 मीटर नीचे की ओर खनन पर पूर्ण प्रतिबंध है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग तथा खनन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी नदियों व खंडों पर बने पुलों के दोनों ओर पिलर के माध्यम से चिन्हित करें तथा निरंतर निगरानी करें ताकि कोई भी व्यक्ति पुलों के आसपास खनन न कर सके।
उन्होंने कहा कि किसी भी स्थान पर पुलों के समीप प्रतिबंधित क्षेत्र में खनन पाए जाने पर लोक निर्माण विभाग द्वारा निकटतम पुलिस थाने में तुरंत एफआईआर दर्ज करवाई जाए। यदि इस प्रतिबंधित क्षेत्र के अंतर्गत कोई खनन की लीज माइनिंग विभाग द्वारा दी गई है तो माइनिंग अधिकारी तुरंत उसकी समीक्षा करेंगे और प्रतिबंधित क्षेत्र को विभाग द्वारा लीज से निकाला जाए।
उपायुक्त ने कहा कि स्वां बाढ़ नियंत्रण विभाग स्वां नदी और सहायक खड्डों के तटीकरण प्रोजेक्ट का विशेष सर्वे का कार्य शीघ्र पूर्ण करके तटीकरण को हो रहे नुकसान की रिपोर्ट आंकलन करके कारणों सहित प्रस्तुत किया जाए जिसमें विशेषकर खनन से हो रहे नुक्सान के पहलुओं पर स्पष्ट रिपोर्ट की जाए। किसी भी स्थान पर स्वां नदी और सहायक खड्डों के तटीकरण को नुक्सान होने/पाए जाने की स्थिति में स्वां बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा निकटतम पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की जाए।
उन्होंने कहा कि स्वां नदी और सहायक खड्डों के दोनों तटों से नदी/खड्ड के 75 मीटर अंदर की ओर के क्षेत्र में किसी भी प्रकार का खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। किसी भी स्थान पर स्वां नदी और सहायक खड्डों के तटों से 75 मीटर नदी/खड्ड के अंदर की ओर के प्रतिबंधित क्षेत्र में खनन पाए जाने पर स्वां बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा निकटतम पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की जाए।
उन्होंने बताया कि ज़िला में किसी भी स्थान पर अवैध खनन में लिप्त मशीनरी/टिप्पर/वाहन इत्यादि पकडे़ जाने पर पुलिस एवं माइनिंग विभाग अनिवार्य रूप से कार्रवाई करेगें। अवैध खनन में लिप्त मशीनरी/टिप्पर/वाहन इत्यादि पर न्यूनतम जुर्माना रु 50 हज़ार और अधिकतम जुर्माना रु 5 लाख रूपये किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दूसरी बार अवैध खनन के मामले में मशीनरी/टिप्पर वाहन इत्यादि पकडे़ जाने पर अधिकतम जुर्माना ही लगाया जाए।
इसके अतिरिक्त अवैध खनन में पकड़े जाने पर पुलिस और माइनिंग विभाग द्वारा चालान के अतिरिक्त उस वाहन के पंजीकरण और ड्राईवर के ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द करने का मामला सम्बंधित पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग प्राधिकरण उप-मंडलाधिकारी (ना) या आरटीओ को अनुसंशा सहित भेजा जाए और सम्बंधित पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा नियमानुसार वाहन और ड्राईवर के अवैध गतिविधियों में शामिल होने के कारण वाहन का पंजीकरण और ड्राईवर का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जाए
बैठक में जिला खनन अधिकारी ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2023- 24 में अब तक 117 अवैध खनन के मामले पकड़े गए हैं तथा 12 लाख 54 हजार 500 रुपए का जुर्माना वसूला गया है। उप पुलिस अधीक्षक अजय ठाकुर ने बताया के पुलिस द्वारा अवैध खनन के 666 चालान किए गए हैं 63 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है तथा 60 लाख 5 हजार 240 रुपए जुर्माना वसूला गया है।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर, डीएफओ ऊना सुशील कुमार, डीएसपी ऊना अजय ठाकुर, एसडीएम ऊना विश्व मोहन देव चौहान, एसडीएम बंगाणा मनोज कुमार, एसडीएम अंब विवेक महाजन, एसडीएम गगरेट शशि पाल शर्मा, खनन अधिकारी नीरज कांत, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी राजेश कुमार कौशल, तहसीलदार हरोली जैमल चंद, उद्योग विभाग के प्रबंधक अखिल शर्मा के अलावा लोक निर्माण विभाग जल शक्ति विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।