हमीरपुर 30 अगस्त। महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए गठित हमीरपुर की खंड स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक बुधवार को एसडीएम मनीष कुमार सोनी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक के दौरान प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना और अन्य योजनाओं पर व्यापक चर्चा की गई तथा इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही की समीक्षा की गई।
इस अवसर पर एसडीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के माध्यम से राज्य के अनाथ बच्चों को बहुत बड़ा सहारा प्रदान करने जा रही है। प्रदेश सरकार ने ऐसे बच्चों को अब 27 वर्ष की आयु तक लाभान्वित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत इन बच्चों के पालन-पोषण, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ शादी, मकान निर्माण और स्टार्टअप के लिए भी प्रदेश सरकार आर्थिक मदद प्रदान करेगी, ताकि वे भी सम्मानजनक जीवन जी सकें। उन्हें विवाह अनुदान के रूप में 2 लाख रुपये और गृह निर्माण हेतु 3 बिस्वा भूमि के अतिरिक्त गृह अनुदान राशि के रूप में तीन लाख रुपये की सहायता राशि भी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि बाल विकास परियोजना हमीरपुर के अंतर्गत कुल 183 आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष की आयु तक के 4585 बच्चों और 847 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पूरक पोषाहार दिया जा रहा है। विभिन्न आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की समीक्षा करते हुए एसडीएम ने कहा कि 5 भवनों का निर्माण मनरेगा कनवर्जेंस के माध्यम से करवाया जा रहा है, जबकि 3 अन्य भवनों के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। बैठक में आंगनवाड़ी केंद्रों में स्वच्छ पेयजल और अन्य सुविधाओं पर भी व्यापक चर्चा की गई।
एसडीएम ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए मिशन शक्ति के तहत विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि बेटी है अनमोल योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मदर टेरेसा योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना और महिला स्वरोजगार योजना के तहत इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हमीरपुर खंड में कुल 261 महिलाओं एवं बच्चों को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न महिला सशक्तिकरण योजनाओं के परिणामस्वरूप हमीरपुर खंड का शिशु लिंगानुपात 937 तक पहुंच गया है।
बैठक के दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी बलवीर सिंह बिरला ने विभाग की सभी योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज और अन्य विभागों के अधिकारियों तथा समिति के गैर सरकारी सदस्यों ने भाग लिया।