भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वाराआयोजित राज्य स्तरीय संस्कृत दिवस समारोह के दूसरे दिन साहित्यकारों ने संस्कृत में सुनाई कविताएँ
श्रावणी पूर्णिमा अर्थात् रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा राज्य स्तरीय संस्कृत दिवस समारोह के दूसरे दिन प्रदेश के विभिन्न जिला से आए हुए साहित्यकारों ने संस्कृत में अपनी रचनाएं प्रस्तुत की | वरिष्ठ साहित्यकार श्री जगत प्रसाद शास्त्री की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया | कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वालन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ | तदोपरांत विभागीय सहायक निदेशक श्रीमती अलका कैंथला द्वरा आए हुए सभी साहित्यकारों का विभाग की ओर से स्वागत किया गया | तदोपरान्त मुख्य वक्ता श्री इन्द्रपाल शर्मा द्वारा संस्कृत की वैज्ञानिकता एवं वर्तमान समय में प्रासंगिकता विषयक “संस्कृतनाम दैवी वाक्” शीर्षक शोध पत्र प्रस्तुत किया | उसके बाद समस्त कविवृन्द ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की | साहित्यकारों में डा. कृष्ण मोहन पाण्डेय, डा. श्रीनाथधरद्विवेदी , सुनील दत्त , जगत राम शास्त्री , ओम प्रकाश, प्रभात शर्मा, डा. मस्त राम, डा. मदन मोहन शर्मा, डा. प्रेम लाल गौतम, आचार्य श्याम लाल, लायक राम भारद्वाज, डा. नन्द लाल, जीवन लाल, डा. प्रीतम, डा. अमित शर्मा, रत्न चंद रत्नाकर, शिव कुमार, हिमांशु शर्मा , विवेक, गोरखु राम एवं आचार्य केवल उपस्थित रहे | कार्यक्रम के अंत में जिला भाषा अधिकारी हमीपुर द्वारा आए हुए समस्त कवियों का विभाग की ओर से धन्यवाद ज्ञापन प्रस्ताव रखा गया |