0 0 lang="en-US"> हमीरपुर जिला के गुरु का बन्न में मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को गृह निर्माण के लिए भूमि दस्तावेज प्रदान किए - ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क
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हमीरपुर जिला के गुरु का बन्न में मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को गृह निर्माण के लिए भूमि दस्तावेज प्रदान किए

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हमीरपुर जिला के बड़सर और सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने बड़सर विधानसभा क्षेत्र के तहत जब्बल खैरियां, गुरु का बन्न, भेबड़, समताणा खुर्द व लाहड़ी सलान में आपदा प्रभावित परिवारों से संवाद किया और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंनेे कहा कि राज्य सरकार हर आपदा प्रभावित के साथ हैं और प्रत्येक प्रभावित परिवार को राहत सुनिश्चित की जा रही है।
गुरु का बन्न में मुख्यमंत्री ने तीन आपदा प्रभावित परिवारों को गृह निर्माण के लिए छह-छह मरला भूमि प्रदान करने के दस्तावेज प्रदान किए। आपदा में इन परिवारों की भूमि बह गई थी तथा इनके मकानों को असुरक्षित घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि एक और प्रभावित परिवार को भी भूमि प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं तथा जल्द ही उन्हें भी राज्य सरकार की ओर से भूमि प्रदान कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि समताणा में तीन घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 11 अन्य घरों में दरारें आ गई हैं। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को इन्हें आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घोषित करने के निर्देश दिए, ताकि उन प्रभावित परिवारों की मदद की जा सके। मुख्यमंत्री ने लाहड़ी गांव में भूस्खलन से हुए नुकसान का भी निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है और अधिकांश मुख्य मार्गों पर यातायात व्यवस्था सुचारू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पर्यटक शिमला, किन्नौर, चम्बा, डलहौजी व कांगड़ा घाटी सहित प्रदेश के खूबसूरत पर्यटन गंतव्यों की यात्रा और भ्रमण कर सकते हैं। इन पर्यटन गंतव्यों के लिए सड़क मार्ग खुले हैं और कोई भी इन गंतव्यों की सुरक्षित यात्रा कर सकता है। पर्यटक वर्तमान सीजन में राज्य के अधिकांश होटलों में विशेष छूट की सुविधा का लाभ भी उठा सकते हैं।
पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भारी बरसात से आई आपदा के कारण पूरे प्रदेश में भयंकर तबाही हुई है और हमीरपुर जिला भी इससे अछूता नहीं रहा है। हमीरपुर जिला में हुई तबाही को उन्होंने स्वयं देखा है और आज यहां लोगों का दुख-दर्द बांटने आए हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा का पूर्वानुमान बेहद मुश्किल है, लेकिन राज्य सरकार समयबद्ध राहत एवं पुनर्वास कार्य सुनिश्चित कर रही है और आपदा प्रभावित परिवारों की हर तरह से मदद करेगी।
प्रदेश में नए राज्य चयन आयोग के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए गठित कमेटी से विस्तृत चर्चा की गई है और इसे हमीरपुर में ही खोला जाएगा क्योंकि यहां पर पहले से ही भवन इत्यादि उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही लगभग 1200 पुलिस कर्मचारियों की भर्ती करने जा रही है, जिसे नशा तस्करी पर रोक लगाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त यह पर्यटन पुलिस के रूप में भी इनकी सेवाएं ली जाएंगी।


एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खनन गतिविधियों पर पहले भी 15 सितंबर तक रोक लगती थी और इस वर्ष भी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि ब्यास नदी और इसकी सहायक नदियों पर क्रशर के संचालन पर रोक आपदा अधिनियम के तहत लगाई गई है।
इस अवसर पर विधायक इंद्रदत्त लखनपाल और राजेंद्र राणा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, पूर्व विधायक मनजीत डोगरा, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक डॉ. आकृति शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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