नाहन, 08 सितम्बर। शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज शुक्रवार को अपने प्रवास के दौरान नारग में लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सिरमौर जिला से उनका विशेष रिश्ता है और वह यहां के लोगों की समस्याओं का निराकरण करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि डा. यशवंत सिंह परमार न होते तो हिमाचल प्रदेश का यह स्वरूप नहीं होता। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विकास की बुनियाद को मजबूत करने के लिए प्रदेश के लोग डा. परमार के योगदान को सदैव स्मरण रखेंगे।
रोहित ठाकुर ने हिमाचल निर्माता डा. परमार, पूर्व मुख्यमंत्री राम लाल ठाकुर और वीरभद्र सिंह द्वारा हिमाचल के विकास में दिए गए अभूतपूर्व योगदान को याद करते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में पर्वतीय विकास में प्रदेश पिछड़ा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खु का सपना है कि हिमाचल प्रदेश को चार सालों में आत्मनिर्भर और 10 सालों में आदर्श राज्य बनाना है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य मूलभूत आवश्यकतायें है और इन क्षेत्रों में और अधिक कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत जैसे ही राज्य चयन आयोग का गठन होगा 6000 पदों को जल्द भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए शिक्षा के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15000 से अधिक विद्यालय तथा 140 गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन माह में प्रदेश सरकार द्वारा 400 से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसर के पद भरे गये हैं। इसके अलावा प्रदेश में 75 प्रिंसिपल को प्रोमोट करके दूरवर्ती क्षेत्र में सेवा के लिए भेजा गया है। इस प्रकार प्रदेश में करीब 3000 पद टीचिंग और नॉन टीचिंग के भरे गये हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नारग का नाम पंडित दुर्गा दत्त के नाम पर रखा जायेगा। उन्होंने इस बारे प्रस्ताव भेजने का आग्रह करते हुए कहा कि नीति के अनुरूप यदि नाम रखा जा सकता है तो जरूर रखेंगे। उन्होंने स्कूल भवन के निर्माण को अगले बजट में पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने साइंस लैब को अतिरिक्त धनराशि प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने बजट के लिए प्राक्कलन तैयार करने के लिए कहा। उन्होने प्राथमिक पाठशाला के लिए अतिरिक्त कमरा बनाने की घोषणा भी की।
रोहित ठाकुर ने कहा कि आपदा के समय जनता जनार्दन ने सरकार का सहयोग किया जिसके लिए उन्होंने आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई आपदा बहुत बडी आपदा थी जिसमें जान-माल का बहुत नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खु ने स्वयं आगे बढ़कर दिन-रात राहत एवं पुनर्वास कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई आपदा के दृष्टिगत राहत मैनुअल में संशोधन करते हुए मकान के मुआवजे के लिए एक लाख रुपये, पशुधन के लिए 55 हजार रुपये, कृषि व बागवानी के लिए पांच हजार से दो हजार रुपये प्रति बीघा देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि पुनर्वास व राहत कार्यों के लिए वितरित की गई है।
शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर नारग में क्षेत्रवासियों की जन समस्यायें भी सुनी।
प्रदेश कांग्रेस सचिव दयाल प्यारी, ब्लाक कांग्रेस समिति अध्यक्ष जय प्रकाश चौहान,
प्रदेश कांग्रेस समिति उपाध्यक्ष राहुल ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस समिति सचिव अरुण मेहता, पच्छाद विधानसभा प्रभारी अजय कंवर, संजय भंडारी, पूनम पवार, पंचायती राज, प्रकोष्ठ अध्यक्ष रणधीर कुमार, ओबीसी अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता इंदर सिंह, जिला महासचिव राजेंद्र, हरदेव राणा, जोनल सचिव गौतम शर्मा, विभिन्न विभागों के अधिकारी और पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे।