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मंडी, 16 सितंबर। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में मंडी जिले के चयनित 118 गांवों के कायाकल्प का कार्य किया जा रहा है। अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गठित जिला स्तरीय अभिसरण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में विभिन्न चरणों में मंडी जिले के विकास खंडों के 118 चयनित गावों की विकास योजना बनाने के लिए संबंधित पंचायत प्रधान के नेतृत्व में हर जगह ग्राम स्तर पर अभिसरण समिति गठित की गई हैं। शुक्रवार को हुई बैठक में ग्राम स्तर की अभिसरण समितियों की 86 ग्राम विकास योजनाओं का अनुमोदन किया गया।
जतिन लाल बताया कि योजना के तहत भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा मंडी जिले के 9 गांवों को आदर्श घोषित किया जा चुका है। योजना में जिले को 5.04 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 2.28 करोड़ रुपये चयनित गांवों की संबंधित पंचायतों को हस्तांतरित किए जा चुके हैं।
बता दें, योजना के तहत चयनित प्रत्येक गांव (50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव) के आदर्श विकास के लिए अंतर पाटन निधि (गैप फिलिंग फंड) के तौर पर 20-20 लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं। इसके अलावा विभिन्न विभागों की योजनाओं के कन्वर्जेंस से इन गांवों के समग्र विकास से जुड़े कार्यों को अमलीजामा पहनाया जाता है।
जिला कल्याण अधिकारी आर.सी.बंसल ने जिला स्तरीय अभिसरण समिति की उपायुक्त सभागार में शुक्रवार को आयोजित बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
क्या है प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना उन गांवों के विकास को समर्पित है जहां अनुसूचित जाति की जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक है। योजना में गांवों का चयन राष्ट्र स्तर पर किया जाता है। चयनित गांवों में अनुसूचित जाति के परिवारों की मूलभूत आवश्यकताओं के आधार पर ग्राम विकास योजना तैयार की जाती है। इन गांवों में पर्याप्त अवसंरचना और सामाजिक-आर्थिक विकास से जुड़े 10 कार्यक्षेत्रों के 50 निगरानी योग्य संकेतकों में सुधार के लिए काम किया जाता है।
ये हैं सुधार के 10 कार्यक्षेत्र
1. पेयजल और स्वच्छता 2.शिक्षा 3.स्वास्थ्य और पोषण 4. सामाजिक सुरक्षा 5. ग्रामीण सड़कें और आवास 6. विद्युत और स्वच्छ ईंधन 7. कृषि प्रणालियां 8. वित्तीय समावेशन 9. डीजीटलीकरण 10. जीवन यापन और कौशल विकास ।