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अपनी संस्कृति और भाषा को सँजोते हुए भी तरक्की संभव : एसडीएम मण्डी

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14 सितम्बर, बुधवार को मंडी के पुलघराट स्थित भारत सरकार के राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम प्रशिक्षण संस्थान मंडी में “हिंदी दिवस” के अंतर्गत प्रशिक्षुओं द्वारा हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करने के संकल्पों के साथ विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सदर मंडी एसडीएम “ओम कांत ठाकुर” ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस अवसर पर संस्थान में “हिंदी भाषण” व “चित्रकला” प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमे विभिन्न व्यवसायों के प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान एन.एस.आई.सी. परिसर में फैशन एंड क्राफ्ट प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमे फैशन की छात्राओं द्वारा बनाए गए अलग अलग प्रकार के परिधानों व उत्पादों को दिखाया गया। इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ओम कांत ठाकुर ने कहा कि हिंदी जनजागरण की भाषा है अपनी संस्कृति और भाषा को सँजोते हुए भी तरक्की संभव है । उन्होंने कहा ज्यादातर विकसित देशों जैसे कि चीन, रूस, फ्रांस और जापान ने भी अपनी भाषा के माध्यम से ही तकनीक व अन्य क्षेत्रों में तरक्की की । इसीलिए हिन्दी के उपयोग बढ़ाने व बोलने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए हालांकि इसके लिए अन्य प्रांतीय भाषाओं का भी निरादर न करें । एनएसआईसी मण्डी प्रमुख लोकेश भाटिया ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दी भाषा की जड़ें बहुत गहरी हैं और जो भाव व समान हिन्दी भाषा के शब्दों के उपयोग में मिलता हैं वो अन्य किसी भाषा में नहीं। हिन्दीभाषी परिवेश से निकले लोग भी उच्च मुकाम हासिल करते हैं जिसका उचित उदाहरण मंडी के एसडीएम ओम कांत ठाकुर खुद भी हैं जो आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत भी हैं।  विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी को तीसरा स्थान प्राप्त है जो कि हिंदी के लिए गर्व की बात है और यह दुनिया के कई देशों में लोकप्रिय बनी है। मुख्यातिथि ने विजेताओं शिवम व मीनाक्षी को पुरुस्कार से सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान गीता ठाकुर, विनय कुमार, सोमनाथ गुलेरिया, योगेश्वरी, गीतांजलि, तरसिंदर कौर व अन्य उपस्थित रहे।

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