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ऊना, 17 सितंबरः जिला ऊना में प्रदेश का पहला ड्रैगन फ्रूट प्रसंस्करण संयंत्र लगने जा रहा है, जिससे जिला ऊना में ड्रैगन फ्रूट की खेती से जुड़े किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। जिला ऊना के बेहड़ विठ्ल में प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना को बागवानी विभाग ने मंजूरी प्रदान कर दी है। विभाग ने इसके लिए लेटर ऑफ इंटेंट जारी कर दिया है।
जिला ऊना की प्रगतिशील बागवान एवं महिला उद्यमी रीवा सूद ने बागवानी विभाग को ड्रैगन फ्रूट प्रसंस्करण संयंत्र लगाने के लिए 1.65 करोड़ रुपए की परियोजना मंजूरी के लिए भेजी थी, जिसे विभाग ने मंजूरी प्रदान कर दी है। रीवा सूद को इस संयंत्र के निर्माण के लिए बागवानी विभाग की ओर से 35 प्रतिशत अनुदान भी मिलेगा।
इस बारे रीवा सूद ने कहा “जिला ऊना का मौसम ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए उपयुक्त है तथा बहुत से किसान जिला प्रशासन के प्रोत्साहन से इस फल की खेती के साथ जुड़ चुके हैं। ऐसे में अब उन किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए यहां-वहां भटकना नहीं पड़ेगा क्योंकि इस संयंत्र को चलाने के लिए किसानों से सीधी खरीद की जाएगी, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा। लगभग तीन महीने पहले ड्रैगन फ्रूट आधारित प्रसंस्करण संयंत्र लगाने की परियोजना को बागवानी विभाग को भेजा था और मुझे खुशी है कि इसे मंजूरी मिल गई है।”
ड्रैगन फ्रूट आधारित प्रसंस्करण संयंत्र के लगने से जहां किसानों को लाभ मिलेगा, वहीं सीधे रूप से 15 लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसके अलावा सप्लाई चेन और नर्सरी के कार्यों से जुड़ कर रोजगार प्राप्त करने वालों युवाओं की संख्या 35-50 तक होगी। किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर ड्रैगन फ्रूट जैसे बेहतर आमदनी वाली कृषि एवं बागवानी से जुड़ने के लिए जिला प्रशासन ऊना किसानों को निरंतर प्रेरित कर रहा है। किसानों की आजीविका उपार्जन के लिए जिला ऊना में ड्रैगन फ्रूट की खेती को जिला प्रशासन ऊना बढ़ावा दिया जा रहा है। मनरेगा के माध्यम से भी ड्रैगन फ्रूट लगाने को प्रेरित किया जा रहा है। मनरेगा के तहत जिला ऊना में अब तक 2700 ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए गए, जिनमें से बंगाणा उपमंडल के तहत 2100 तथा गगरेट के ओयल में 600 पौधे लगाए जा चुके हैं।
इस बारे जिलाधीश ऊना राघव शर्मा ने कहा “ड्रैगन फ्रूट आधारित प्रसंस्करण संयंत्र प्रदेश का अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है। जिला ऊना में संयंत्र लगने से ड्रैगन फ्रूट की खेती से जुड़े किसानों को लाभ मिलेगा। जिला प्रशासन किसानों की आय वृद्धि के लिए निरंतर प्रयासरत है और ड्रैगन फ्रूट लगाने को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोई भी मनरेगा जॉब कार्ड धारक किसान जो ड्रैगन फ्रूट की खेती का इच्छुक हो, वह अपनी पंचायत के पंचायत सचिव अथवा बीडीओ कार्यालय में संपर्क कर सकता है।”