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चंबा, 10 अक्टूबर
डॉ. कुलदीप सिंह धीमान ने बताया कि विकास खंड सलूणी के डांड तथा चकोतरा इत्यादि क्षेत्रों के तहत मटर की फसल में फफूंद बीमारी रतुआ की शिकायत प्राप्त होने पर आज प्रभावित इलाकों का दौरा कर किसानों को रोकथाम के लिए प्रभावी उपायों की जानकारी दी गई ।
डॉ. कुलदीप सिंह धीमान ने बताया कि विकास खंड सलूणी में मटर की फसल को बेमौसमी नकदी फसल के रूप में उगाया जाता है ।
उन्होंने बताया कि सितंबर महीने से मटर की पैदावार निकलनी शुरू हो गयी थी। और लगभग 70-80 रुपये प्रति किलो की दर से किसानों के खेतों से व्यापारी खरीद रहे थे । लेकिन अब मटर की फसल में रतुआ नामक बीमारी का प्रकोप हो गया है। जिससे किसानों की उपज खराब हो रही है ।इस समय कुछ किसानों ने मटर की फसल से एक या दो तुड़ान ले लिए है तथा कुछ किसानों की मटर की खेती में अभी फूल आये है।
उन्होंने बताया कि फफूंद बीमारी रतुआ से मटर के पतों में पीले धब्बे पढ़ते हैं । कुछ दिन में यह धब्बे फटने से पतों पर पीले रंग का पाउडर बनता है तथा 3 से 5 दिनों में पूरा खेत बीमारी की चपेट में आ जाता है।
डॉ. कुलदीप धीमान ने किसानों को सलाह दी है कि इस बीमारी के लक्षण पाए जाने की अवस्था में प्रापिकोनाजोल 25 ई सी नाम की 15 मिली दवाई 15 लीटर पानी मे या कारबेंडाजिम 50 डब्ल्यू पी नाम की 15 ग्राम फंफूदनाशक दवाई को 15 लीटर पानी में घोल कर स्प्रे करके इस बीमारी से फसल को बचाया जा सकता है ।
साथ में उन्होंने यह भी बताया कि किसान कृषि विभाग के खंड कार्यालय सलूणी से 50% अनुदान पर स्प्रे के लिए आवश्यक दवाइयां प्राप्त कर सकते हैं । इस दौरान विभागीय टीम द्वारा चकोतर गांव में जा कर किसानों को 50% अनुदान पर प्रोपिकॉनाज़ोल फंफूदनाशक दवाई भी उपलब्ध करवाई गई ।