ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री, श्री अनिरूद्ध सिंह ने हड़ताल पर गए जिला परिषद कर्मचारियों से प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के उपरांत राहत एवं पुनर्वास कार्यों के दृष्टिगत काम पर लौटने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इन कार्यों में उनकी सेवाएं नितांत आवश्यक हैं।
आज यहां जारी एक प्रेस वक्तव्य में श्री अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि इस वर्ष की बरसात में हिमाचल प्रदेश ने इतिहास की सम्भवतः सबसे भीषण त्रासदी का सामना किया है। भारी बारिश एवं भू-स्खलन के कारण लोगों के घर, गौशालाएं ढह गईं तथा निजी एवं सार्वजनिक सम्पत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है। कृषि एवं बागवानी भूमि तथा फसलों को भी भारी क्षति हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रभावित परिवारों को मदद के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक पैकेज घोषित किया है। इसमें लोगों के घर बनाने से लेकर गौशालाओं तथा कृषि भूमि के संरक्षण के कार्य शामिल किए गए हैं। मनरेगा के तहत प्रदेश सरकार लगभग एक हजार करोड़ रुपये ग्रामीण जीवन को पुनर्जीवित करने के लिए व्यय करने जा रही है।
श्री अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि यह सभी कार्य पंचायत स्तर पर पूर्ण किए जाने हैं जिसमें जिला परिषद कर्मचारियों की प्रमुख भूमिका होती है। उन्होंने हड़ताल पर गए सभी कर्मियों से अपील की है कि वे प्रभावित परिवारों के दुःख-दर्द को समझते हुए वापिस काम पर लौट जाएं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने में जिला परिषद कर्मियों का सराहनीय योगदान रहा है। उन्होंने दोहराया कि विभिन्न वित्तीय बाधाओं के बावजूद वर्तमान प्रदेश सरकार ने भी सदैव कर्मचारी हित में निर्णय लिए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शुरू से ही जिला परिषद कर्मचारियों की मांगों को लेकर पूरी तरह से गम्भीर है। ऐसे में कर्मचारियों को विपक्ष के किसी भी प्रकार के झांसे में न आकर संयम बरतते हुए प्रभावित परिवारों तथा प्रदेश हित की सोच के साथ कार्य पर लौटने संबंधी उचित कदम उठाना चाहिए।
हड़ताल छोड़ आपदा प्रभावितों की मदद के लिए हाथ बढ़ायें जिला परिषद कर्मी: अनिरूद्ध सिंह
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