शिमला 20 नवंबर – उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में आज यहां जिला क्षय रोग फॉरम एवं जिला क्षय रोग उन्मूलन समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिला को क्षय रोग मुक्त बनाने के उद्देश्य से टीबी मुक्त पंचायत अभियान के अंतर्गत पंचायत स्तर पर पंचायत टीबी फॉरम का गठन किया जाएगा। यह समिति पंचायत स्तर पर क्षय रोग उन्मूलन के लिए कार्य करेगी।
टीबी मुक्त पंचायत अभियान के अंतर्गत ही टीबी फ्री ग्राम पंचायत के लिए अनिवार्य मापदंड तैयार किए गए हैं, जिसमें साल में एक हजार लोगों की जनसंख्या में से कम से कम 30 टीबी टेस्ट करवाने अनिवार्य है तथा एक साल में एक से अधिक का टेस्ट पॉजिटिव नहीं होना चाहिए। टीबी फ्री पंचायत को जिला स्तर पर प्रशस्ति पत्र से नवाजा जाएगा।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में 1475 क्षय रोग से ग्रसित लोगों में से 813 मरीजों का ईलाज चल रहा है तथा अन्य ने अपना ईलाज पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि जिला में मृत्यु दर कम करने के लिए टीबी केयर मॉडल को अपनाया जाएगा, जिसके तहत उपचार के बाद मरीज की अनुवर्ती जांच की जाएगी।
आदित्य नेगी ने कहा कि निक्षय मित्र कैंपेन के अंतर्गत एसजेवीएन के सौजन्य से पोषण किट की खरीद के लिए 43 लाख रुपये की राशि प्रायोजित हुई है, जिसकी पहली किस्त जिला रेडक्रॉस सोसायटी के बैंक अकाउंट में स्थानांतरित भी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिला शिमला में 348 रोगियों को विभिन्न निक्षय मित्रों द्वारा अपनाया गया है। पिछले दो साल से एनसीसी सर्वे के तहत जिला को रजत पदक से नवाजा गया है तथा इस वर्ष आकलन के अनुसार स्वर्ण पदक के लिए दावा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त योजना के तहत टीबी रोगी की सूचना देने तथा उसके ईलाज से संबंधित सहायता एवं रोगी के बैंक अकाउंट खोलने में सहायता पर क्रमशः 500, 250 एवं 50 रुपये के नकद ईनाम का प्रावधान किया गया है।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेखा चौपड़ा तथा अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे।
जिला को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए पंचायत स्तर पर होगा पंचायत टीबी फॉरम का गठनः उपायुक्त
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