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धर्मशाला, 25 नवम्बर। धर्मशाला वृत्त के वन क्षेत्रों में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे है। धर्मशाला वृत्त में इको-टूरिज्म से जुड़े विषयों पर मंत्रणा हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य वन संरक्षक, धर्मशाला ई. विक्रम ने यह बात कही। सीसीएफ कार्यालय धर्मशाला के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित इस बैठक में वन विभाग और पर्यटन विभाग के अधिकारियों सहित सर्कल लेवल इको-टूरिज्म सोसाइटी के सदस्य, धर्मशाला होटल एसोसिएशन, एडवेंचर टूरिज्म एंड ट्रैकिंग ऑपरेटर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि और अन्य प्रमुख होटल व्यवसायियों ने भाग लिया।
बैठक में मुख्य वन संरक्षक ई. विक्रम ने वन क्षेत्रों में ट्रैकिंग और अन्य इको-टूरिज्म गतिविधियों को विनियमित करने के लिए धर्मशाला सर्कल स्तरीय इको-टूरिज्म सोसाइटी द्वारा की गई पहल के बारे में सभी हितधारकों को जानकारी दी। सीसीएफ ने उल्लेख किया कि इको-टूरिज्म सामान्य जन पर्यटन से अलग है क्योंकि इस प्रकार का पर्यटन पर्यावरण के साथ-साथ इको-पर्यटकों दोनों के लिए फायदेमंद है। हालांकि, यह तभी संभव है जब यह साइट की वहन क्षमता के भीतर किया जाए। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश वन विभाग द्वारा निर्धारित वहन क्षमता के आधार पर ट्रैकिंग और टेंटिंग के लिए केवल सीमित संख्या में परमिट जारी किए जाएंगे।
परमिट हिमाचल इको-टूरिज्म सोसाइटी की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे और साथ ही रेंज कार्यालयों और अन्य नामित/अधिसूचित प्रवेश बिंदुओं से ऑफलाइन भी प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा लोगों की सुविधा के लिए 29 कमरों की क्षमता वाले 14 वन विश्राम गृहों की बुकिंग इको-टूरिज्म सोसाइटी की वेबसाइट himachalecotourism.hp.gov.in पर ऑनलाइन करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी हितधारकों से अनुरोध किया कि वे पर्यटकों को इन विषयों पर शिक्षित करें और उन्हें अनुमति के बिना ट्रैकिंग गतिविधियों में शामिल न होने की सलाह दें।
यह रहे उपस्थित
बैठक में डीएफओ पालमपुर नितिन पाटिल, दिव्या, डीएफओ नूरपुर अमित शर्मा, अन्य वरिष्ठ वन अधिकारी सहित अश्वनी बाम्बा, नीलेश सैनी, सुभाष नेहरिया, दया सागर और अन्य हितधारक उपस्थित रहे।