मंडी, 5 दिसम्बर। पुरुष नसबंदी जागरूकता पखवाड़ा के अंतर्गत जिला मंडी के पंचायत प्रतिनिधियों, प्रधान, उप प्रधान, वार्ड सदस्यों को पुरुष नसबंदी के बारे जागरूक करने के उद्देश्य से खण्ड विकास अधिकारी मंडी के सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्याशाला में जिला परिवार नियोजन अधिकारी डा0 पवनेश ने प्रतिभागियों को जानकारी देते हुए कहा कि आधुनिक परिवार नियोजन तकनीक के आने के उपरांत भी परिवार सीमित रखने में महिलाओं की भागीदारी अधिक है जबकि उन्हें एक शल्य क्रिया से गुजरना पड़ता है और सामान्य स्वास्थ्य लाभ लेने मे उन्हें अधिक समय लगता है। इसके विपरीत आधुनिक पुरुष नसबंदी बिना चीर फाड़ (छैट) की प्रक्रिया है जिसके लिए किसी भी तरह की पूर्व स्वास्थ्य जांच की आवश्यकता नहीं होती तथा नसबंदी होने के बाद अस्पताल में ठहरने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अतिरिक्त लाभार्थी अगले दिन से कुछ सावधानियों के साथ अपनी सामान्य दिनचर्या जारी रख सकता है ।
उन्होंने कहा कि कुछ भर्तियों के कारण पुरुष परिवार नियोजन
में अपनी सहभागिता सुनिश्चित नहीं करते हैं जबकि अध्ययन व साक्ष्यों से साबित होता है कि पुरुष नसबंदी परिवार नियोजन का सरल एवं सुरक्षित माध्यम है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा0 दिनेश ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि परिवार नियोजन के दो माध्यम स्थाई तथा अस्थाई माध्यम होते हैं।पुरुष नसबंदी तथा महिला नसबंदी स्थाई माध्यम हैं। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी कराने पर 1100 रुपये का लाभ व महिला नलबंदी पर 600 रुपए की प्रोत्साहन राशी दी जाती है। यदि किसी कारणवश परिवार नियोजन का ऑपरेशन असफल रहता है तो राज्य व केन्द्र सरकार की तरफ से कुल 60,000 रुपये का मुआवजा दिया जाता है।
कार्यशाला में खण्ड विकास अधिकारी मण्डी चेत राम, जन शिक्षा व सूचना अधिकारी लोक सिंह नेगी तथा स्वास्थ्य शिक्षक गोपाल कौशल विशेष रूप से उपस्थित रहे ।
कार्यशाला का आयोजन
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