हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए आज किन्नौर ज़िला में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मेगा मॉक ड्रिल में किन्नौर ज़िला के ठाकुर सेन नेगी राजकीय महाविद्यालय रिकांग पिओ में प्राकृतिक आपदा विशेषकर भूकम्प की स्थिति में बचाव एवं राहत कार्यों को वास्तविक परिस्थिति के अनुरूप तैयारियों को परखा गया।
वास्तविक आपदा के समय जान-माल की क्षति को न्यून करने के उद्देश्य से राजकीय महाविद्यालय में भूकम्प एवं इसके सम्भावित खतरों के दृष्टिगत आपदा तैयारियों की जांच की गई। इस दौरान 7.8 तीव्रता का काल्पनिक भूकम्प दर्शाया गया जिससे महाविद्यालय की ईमारत ढह गई। ईमारत में लगभग 500 विद्यार्थी व शिक्षक थे जिनमें से 15 लोग बुरी तरह ईमारत में फंस गए। फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के जवानों ने कड़ी मुश्क्कत की तथा सभी को बाहर निकाल कर प्राथमिक उपचार दिया गया।
ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्षा एवं उपायुक्त किन्नौर तोरूल रवीश ने आज की मेगा मॉक ड्रिल के संबंध में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि मेगा मॉक ड्रिल का उद्देश्य विभिन्न विभागों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित कर उपकरणों का समुचित उपयोग सुनिश्चित बनाना, मानवीय क्षति को कम करना और बहुमूल्य संपत्ति की रक्षा सुनिश्चित बनाना था। उन्होंने कहा कि मेगा मॉक ड्रिल में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुरूप यह सुनिश्चित बनाया गया कि किस प्रकार आपदा प्रबंधन को प्रभावी बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि किन्नौर ज़िला की भौगोलिक परिस्थितियां प्राकृतिक आपदाओं के दृष्टिगत संवेदनशील हैैं। पहाड़ी इलाका होने के कारण भूकम्प जैसी आपदा का अधिक खतरा बना रहता है। ऐसे में आवश्यक है कि सरकारी विभागों के साथ-साथ विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाएं, निजी उद्योग तथा प्रशिक्षित आमजन समन्वय के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि आपदा के समय प्रशिक्षित श्रम शक्ति की उपलब्धत्ता अत्यंत आवश्यक है। मेगा मॉक ड्रिल इस दिशा में उत्प्रेरक का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकारी स्तर पर उपलब्ध श्रम शक्ति एवं उपकरणों के साथ निजी एवं स्वयं सेवी क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनों का दोहन आवश्यक है। इस तरह के वृहद आपदा प्रबंधन अभ्यास न केवल तैयारियों को अद्यतन रखते हैं अपितु समय पर प्रबंधन को प्रभावी भी बनाते हैं। उन्होंने कहा कि आज की मेगा मॉक ड्रिल अपने उद्देश्य में सफल रही।
आपदा के कुशल प्रबंधन के लिए सहायक आयुक्त-उपायुक्त किन्नौर संजीव कुमार भोट ने कहा कि मेगा मॉक ड्रिल के माध्यम से किन्नौर जैसे भोगौलिक दृष्टि से संवेदनशील ज़िला में आपदा प्रबंधन की तैयारियों को अधिक विश्वसनीय बनाया गया। उन्होंने कहा कि मेगा मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य गलतियों से सीख लेकर आपदा प्रबंधन को और सुदृढ़ करना है।
मॉक ड्रिल में उपपुलिस अधीक्षक नवीन जालटा, तहसीलदार कल्पा कंचन, ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य, सभी विभागों के अधिकारी तथा आपदा मित्र एवं विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए मेगा मॉक ड्रिल आयोजित
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