धर्मशाला 10 जनवरी। भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला कांगड़ा द्वारा जिला कांगडा की संस्कृति के लोकनृत्य, लोकगीतों एवं कांगडा की लोक संस्कृति पर परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन राजकीय उच्च विद्यालय कंड धर्मशाला में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ समाजसेवी रिटायर्ड कनर्ल वाईएस राणा व विशिष्ठ अतिथि समाज सेवी मोहिन्द्र सिंह, विशेष अतिथि हाई स्कूल कंड़ धर्मशाला के हैडमास्टर विवेक रैना व मुख्य वक्ता बॉलीवुड में काम कर चुके निर्देशक-लेखक नरेंद्र बड़ाण ने दीप प्रज्जवलित करके किया। मुख्यातिथि समाज सेवी रिटायर्ड कनर्ल वाईएस राणा ने भाषा एवं संस्कृति विभाग कांगड़ा की ओर से आयोजित किए गए कार्यक्रम की खूब सराहना की। उन्होंने कार्यक्रम में लोक संस्कृति को लेकर दी गई प्रस्तुतियों व परिचर्चा की भी खूब सराहना की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रयास अब हो रहे हैं, इससे निश्चित रूप से संस्कृति उत्थान की तरफ जाएगी। इस मौके पर विशिष्ठ अतिथि समाज सेवी व लोक संस्कृति के संरक्षक मोहिंद्र सिंह ने भी अपने विचार रखते हुए संस्कृति के विभिन्न पहलूओं को लेकर व भारत में विदेशी आक्रमणों से पड़े प्रभाव के बावजूद लोक संस्कृति के स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए विभिन्न विषयों पर अवगत करवाया। विशेष अतिथि कंड स्कूल के हैडमास्टर विवेक रैना ने भी लोक संस्कृति पर अपने विचार सांझा किए। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता निर्देशक-लेखक, शोधकर्ता व मैट्रो हार्न सोसाईटी धर्मकोट भागसूनाग के अध्यक्ष नरेंद्र बड़ाण ने लोक संस्कृति के उदय, विभिन्न आयामों व स्वरूप को लेकर अपने विचार रखें। उन्होंने बताया कि क्यों युवा पीढ़ी में लोक संस्कृति को सिंचित किया जाना आवश्यकत है। उन्होंने सभी विषयों के बारे में विचार सांझा करते हुए अपने विचार रखें। इस दौरान लोकतंत्र के चैथे स्तंभ पत्रकारिता से नरेन तूफान व विनोद ने भी लोक संस्कृति पर अपने विचार सांझा किए।
इस दौरान लोक संस्कृति के लोक नृत्य व गायन कार्यक्रम में धुडू सांस्कृतिक, समाजिक एवं युवा खेल मंच की ओर से गद्दियाली लोकनृत्य नुआला की प्रस्तुति ने सभी लोगों को झूमा दिया। वहीं मैट्रो हार्न सोसाईटी धर्मकोट भागसूनाग धर्मशाला की ओर से गद्दियाली डंगी लोकनृत्य व बुडू नाग मंदिर कॅमेटी खनियारा की ओर से कांगड़ा के विभिन्न लोकगीतों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में उच्च विद्यालय कंड धर्मशाला के छात्र-छात्राओं ने गद्दियाली लोकनृत्य, कांगड़ा के लोकनृत्य व स्वागत गीत व लोकगीतों की प्रस्तुति दी गई। इसके साथ ही पारंपंरिक वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति भी धौलाधार की वादियों में गुंजती हुई कार्यक्रम में चार चांद लगा गई, बांसुरी वाद्यन अमित छोटू ने किया। इस दौरान हिमाचली लोक गायक सुधीर धीरू ने कांगड़ा, गद्दियाली व लोक भजनों की अपनी प्रस्तुति से मुख्यातिथि, विशिष्ठ अतिथि व सभी मौजूद लोगों व कलाकारों को झूमा दिया। इस दौरान लोक गायिका बबली शर्मा, बैजनाथ से संबंध रखने वाले लोक गायक विशाल बॉबी शर्मा व सोनू ने लोकगीतों की प्रस्तुतियां दी।
कार्यक्रम में भाषा एवं संस्कृति विभाग कांगड़ा की ओर से जिला भाषा अधिकारी अमित गुलेरी द्वारा मुख्यातिथि, विशिष्ठ अतिथि, विशेष अतिथि व मुख्य वक्ता को हिमाचली शॉल, टोपी पहनाकर सम्मानित किया गया। इस दौरान चन्द्र भारद्वाज ने मंच संचालक के रूप में अपना योगदान दिया। कार्यक्रम के अन्त में जिला भाषा अधिकारी अमित गुलेरी ने प्रतियोगिता में आए हुए सभी कलाकारों तथा उपस्थित सभी गणमान्य का आभार व्यक्त किया। इस दौरान सभी मौजूद लोगों के लिए कांगड़ी धाम का भी आयोजन किया गया।
लोकनृत्य, लोकगीतों व संस्कृति के उत्थान-संरक्षण परिचर्चा बनी आकर्षण
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