हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ की बैठक संघ के अध्यक्ष डॉ राजेशराणा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस बैठक में सभी जिला के प्रतिनिधि, सभी जिला के स्वास्थ्य खंडों के पदाधिकारी और राज्य कार्यकारिणी समितिके सदस्य मौजूद थे।
संघ की सरकार से मांग की है कि चिकित्सकों की कार्य करने कीअवधि निर्धारित की जाए। प्रदेश की जनता को बेहतरीन सेवाएं प्रदान करनेके लिए चिकित्सक 16 से 30 घंटे (आपातकालीन) सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।हिमाचल प्रदेश में किसी भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इंडियन पब्लिकहेल्थ स्टैंडर्ड के अनुरूप चिकित्सकों के पदों की स्वीकृति नहीं है।सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रावधान होनाचाहिए और चिकित्सक ऐसी सेवाएं प्रदेश की जनता को प्रदान भी कर रहे हैं।लेकिन विडंबना की बात है कि प्रदेश के अनेकों सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों का एक ही पद स्वीकृत है। हिमाचल ही ऐसा एकमात्र राज्यहै जहां के नागरिक चिकित्सालय में भी कई जगह पर एक ही चिकित्सक कापद स्वीकृत है। इन संस्थानों पर चिकित्सक अपनी सेवाएं 24×7 प्रदान कररहे हैं। इन संस्थानों में सेवाएं देने वाले चिकित्सकों को 1 दिन की छुट्टी लेनेके लिए भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, जिससे कि इन स्थानों मेंकार्य करने वाले चिकित्सक मानसिक प्रताड़ना का भी शिकार हो रहे हैं। जहांइंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 चिकित्सक होने चाहिए जबकि वही काम हिमाचल में एक चिकित्सक सेलिया जा रहा है। नागरिक चिकित्सालय में भी जहां 10 से 20 चिकित्सकहोने चाहिए वहां पर भी एक ही चिकित्सक से कई जगह काम चलाया जारहा है।
प्रदेश में सैकड़ो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना चिकित्सकों के हीचल रहे हैं। कई नागरिक चिकित्सालय में चिकित्सकों के छह पद स्वीकृतहोने के बावजूद भी 6 के 6 पद रिक्त चल रहे हैं। यहां तक की प्रदेश में कईसामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं जहां एक भी चिकित्सा तैनात नहीं है।
विभिन्न जिलों का मोटा-मोटा आंकलन करें तो बिलासपुरजिला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हटवार, हरलोग, तलाई, घवांडल, पंजगांई, स्वारघाट आदि ऐसे स्वास्थ संस्थान है जहां केवल एक हीचिकित्सक सेवाए प्रदान कर रहा है, बाकी पद रिक्त चल रहे हैं। चंबा जिलामें नागरिक चिकित्सालय भरमौर में 6 पद, सलूनी में 6 पद, किहार में 4 पद, तिस्सा में 8 पद, किल्लाड़ में 6 पद रिक्त चल रहे हैं और सामुदायिक स्वास्थ्यकेंद्र चूड़ी, होली में मात्र एक ही चिकित्सक सेवाए दे रहा है। हमीरपुर जिलामें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोटा में एक ही चिकित्सक दिन-रात सेवाएं प्रदानकर रहा है और एक पद रिक्त चल रहा है। कांगड़ा जिला में नागरिकचिकित्सालय नूरपुर में 13 पद थुरल में 6 पद, खुंडियां में सभी पद रिक्त चलरहे हैं तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद बच्चवां में एक ही चिकित्सक के ऊपरसंपूर्ण कार्यभार है। किन्नौर जिला में नागरिक चिकित्सालय कांगो में केवलएक ही चिकित्सक तैनात है। कल्लू जिला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैंजऔर पतलिकुल में एक पद रिक्त होने से एक ही चिकित्सक से दिन रात कामचलाया जा रहा है। लाहौल स्पीति जिला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शांशामें दो ही चिकित्सक तैनात हैं बाकी पद रिक्त चल रहे हैं। मंडी जिला मेंनागरिक चिकित्सालय लड़ भड्डोल एवं चौंतडा में कोई भी चिलत्सक तैनातनहीं है वही दूसरी ओर नागरिक चिकित्सालय नगवाई में 4 पद, कोटली में 3 पद,तिहरा में 2 पद, मंडप में 3 पद रिक्त चल रहे हैं तथा सामुदायिक स्वास्थ्यकेंद्र चोलनघाट, अश्ला, पंडोह में चिकित्सकों के सभी पद खाली चल रहे हैंसाथ ही सामुदायिक स्वास्थ केंद्र मढ़ी, पंगना, चोलथरा में एक ही चिकित्सकतैनात है बाकी पद रिक्त चल रहे हैं। सिरमौर जिला में नागरिक चिकित्सालयददाहू में 5 पद रिक्त चल रहे हैं और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कफोटा, संग्राह, चिल्लोग में एक ही चिकित्सक तैनात है।
अतः संघ का माननीय मुख्यमंत्री महोदय से आग्रह है किचिकित्सको के पदों को इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड की गाइडलाइन केआधार पर स्वीकृति दी जाए और रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए ताकि प्रदेशके युवा चिकित्सकों को रोजगार मिले और अत्यधिक कम कर रहेचिकित्सकों के ड्यूटी अवर्स निर्धारित किए जाएं जिससे प्रदेश की जनता कोऔर बेहतरीन सेवाएं प्राप्त हो। यह जानकारी डॉ विकास ठाकुर महासचिव हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ ने साँझा की।