प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘विकसित भारत विकसित छत्तीसगढ़’ कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने 34,400 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, राष्ट्र को समर्पित किया और शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं सड़क, रेलवे, कोयला, बिजली और सौर ऊर्जा सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित हैं।
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के समस्त विधानसभा क्षेत्रों की ओर से इस कार्यक्रम से जुड़े लाखों परिवारों को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि युवाओं, महिलाओं, गरीबों और किसानों के सशक्तिकरण से विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण होगा और आधुनिक अवसंरचना से विकसित छत्तीसगढ़ की नींव मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया जा रहा है, वे छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए नए अवसर सृजित करेंगे।
प्रधानमंत्री ने आज एनटीपीसी के सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट को राष्ट्र को समर्पित करने और 1600 मेगावाट क्षमता वाले इसके चरण-2 का शिलान्यास करने का जिक्र करते हुए कहा कि अब नागरिकों को कम खर्च पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ को सौर ऊर्जा का केंद्र बनाने के सरकार के प्रयास पर भी प्रकाश डाला और राजनंदगांव एवं भिलाई में सौर ऊर्जा संयंत्र राष्ट्र को समर्पित करने का उल्लेख किया, जो यहां तक कि रात के समय भी आसपास के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति करने की क्षमता रखते हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, जिसमें वर्तमान में देश भर में 1 करोड़ घर शामिल हैं, के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘सरकार उपभोक्ताओं के बिजली बिल को जीरो करने का प्रयास कर रही है’। उन्होंने बताया कि सरकार घरों की छतों पर सौर पैनल स्थापित करने के लिए सीधे बैंक खातों में वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जिसके तहत 300 यूनिट बिजली मुफ्त की जाएगी और उत्पादित अतिरिक्त बिजली सरकार द्वारा वापस खरीदी जाएगी, जिससे नागरिकों को हजारों रुपये की अतिरिक्त आय होगी। उन्होंने बंजर कृषि भूमि पर छोटे पैमाने पर सौर संयंत्र स्थापित करने में किसानों की सहायता करके अन्नदाता को ऊर्जादाता में बदलने पर सरकार के विशेष जोर का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में डबल इंजन सरकार द्वारा गारंटी पूरा करने की सराहना की। उन्होंने बताया कि राज्य के लाखों किसानों को दो साल से लंबित बोनस मिल चुका है। डबल इंजन सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक बढ़ाने की चुनावी गारंटी भी पूरी कर दी है। उन्होंने कहा कि पीएम आवास और हर घर नल से जल जैसी योजनाओं ने नई रफ्तार पकड़ ली है। विभिन्न परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं की जांच की जा रही है और प्रधानमंत्री ने महतारी वंदन योजना के लिए राज्य की महिलाओं को बधाई दी।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मेहनती किसान, प्रतिभाशाली युवा और प्राकृतिक खजाना है, यानी वह सब कुछ है जो ‘विकसित’ होने के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस राज्य में कम प्रगति होने के लिए पिछली सरकारों की अदूरदर्शी और स्वार्थी वंशवादी राजनीति की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘’मोदी के लिए आप ही उनका परिवार हैं और आपके सपने उनके संकल्प हैं। इसलिए मैं आज विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ की बात कर रहा हूं।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘140 करोड़ भारतीयों में से प्रत्येक को इस सेवक ने अपनी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत की गारंटी दी है’’ और उन्होंने दुनिया में भारत की छवि पर प्रत्येक भारतीय को गर्व करने की अपनी 2014 की गारंटी को स्मरण किया। इसी तरह गरीब जनता का पैसा लूटने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस पैसे का इस्तेमाल गरीबों के कल्याण की योजना में किया जा रहा है. उन्होंने गरीबों के लिए मुफ्त राशन, मुफ्त इलाज, सस्ती दवाएं, आवास, पाइप से जल, गैस कनेक्शन और शौचालय का जिक्र किया। विकसित भारत संकल्प यात्रा में मोदी की गारंटी वाली गाड़ी गांव-गांव तक गई।
प्रधानमंत्री ने 10 साल पूर्व घोषित मोदी की गारंटी की याद दिलाते हुए हमारे पूर्वजों के सपनों और आकांक्षाओं का भारत बनाने का जिक्र किया और बताया कि आज ऐसा विकसित भारत उभर रहा है। उन्होंने डिजिटल इंडिया पहल के बारे में चर्चा की और तत्क्षण भुगतान, बैंकिंग प्रणाली और प्राप्त भुगतान के लिए सूचनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि यह आज एक वास्तविकता बन गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से देश के लोगों के बैंक खातों में 34 लाख करोड़ रुपये से अधिक ट्रांसफर किये हैं, मुद्रा योजना के तहत युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के लिए 28 लाख करोड़ रुपये, पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2.75 लाख करोड़ रुपये की सहायता दी गयी है। उन्होंने पारदर्शिता की कमी के कारण पिछली सरकारों के दौरान धन हस्तांतरण में होने वाले रिसाव की ओर भी इशारा किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सुशासन के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सुविधाओं और शिक्षा के बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ नई सड़कों और रेल लाइनों के निर्माण पर प्रकाश डालते हुए कहा, “जब भ्रष्टाचार समाप्त होता है, तो विकास शुरू होता है और रोजगार के कई अवसर पैदा होते हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कार्यों से विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण होगा और अगले 5 वर्षों में जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा, तो छत्तीसगढ़ भी विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। प्रधानमंत्री ने अंत में कहा, “खासकर पहली बार के मतदाताओं और स्कूल एवं कॉलेज में पढ़ने वाले युवाओं के लिए यह एक बड़ा अवसर है। विकसित छत्तीसगढ़ उनके सपनों को पूरा करेगा।”
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री ने एनटीपीसी के लारा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट, स्टेज- I (2×800 मेगावाट) को राष्ट्र को समर्पित किया और छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एनटीपीसी के लारा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट, स्टेज- II (2×800 मेगावाट) की आधारशिला रखी। जबकि स्टेशन का चरण-I लगभग 15,800 करोड़ रुपये के निवेश से बनाया गया है, परियोजना के चरण-II का निर्माण चरण-I परिसर की उपलब्ध भूमि पर किया जाएगा, इस प्रकार विस्तार के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता नहीं होगी, और इसमें 15,530 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होगी। अत्यधिक कुशल सुपर क्रिटिकल तकनीक (स्टेज-I के लिए) और अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक (स्टेज-II के लिए) से सुसज्जित, यह परियोजना कम मात्रा में विशिष्ट कोयले की खपत और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन सुनिश्चित करेगी। जबकि स्टेज- I और II दोनों से 50 प्रतिशत बिजली छत्तीसगढ़ राज्य को आवंटित की जाती है, यह परियोजना गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली सहित अन्य जैसे कई अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बिजली परिदृश्य में सुधार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रधानमंत्री ने साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की तीन प्रमुख फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनकी कुल लागत 600 करोड़ रुपये से अधिक है। वे कोयले की तेज, पर्यावरण-अनुकूल और कुशल मशीनीकृत निकासी में मदद करेंगे। इन परियोजनाओं में एसईसीएल के दीपका क्षेत्र और छाल में दीपका ओसीपी कोल हैंडलिंग प्लांट और एसईसीएल के रायगढ़ क्षेत्र में बरौद ओसीपी कोल हैंडलिंग प्लांट शामिल हैं। एफएमसी परियोजनाएं पिथेड से साइलो, बंकर और कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से तेजी से लोडिंग सिस्टम से सुसज्जित कोयला हैंडलिंग संयंत्रों तक कोयले की मशीनीकृत आवाजाही सुनिश्चित करती हैं। सड़क के माध्यम से कोयले के परिवहन को कम करके, ये परियोजनाएं कोयला खदानों के आसपास यातायात की भीड़, सड़क दुर्घटनाओं और पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव को कम करके कोयला खदानों के आसपास रहने वाले लोगों के जीवन को आसान बनाने में मदद करेंगी। इससे पिट हेड से रेलवे साइडिंग तक कोयला ले जाने वाले ट्रकों द्वारा डीजल की खपत को कम करके परिवहन लागत में भी बचत हो रही है।
क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री ने राजनांदगांव में लगभग 900 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सौर पीवी परियोजना का उद्घाटन किया। यह परियोजना सालाना अनुमानित 243.53 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पन्न करेगी और 25 वर्षों में लगभग 4.87 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करेगी, जो उसी अवधि में लगभग 8.86 मिलियन पेड़ों द्वारा एकत्रित कार्बन के बराबर है।
क्षेत्र में रेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए, प्रधानमंत्री ने लगभग 300 करोड़ रु. की लागत से बनने वाले बिलासपुर-उसलापुर फ्लाईओवर का लोकार्पण किया। इससे यातायात की भारी भीड़ कम हो जाएगी और बिलासपुर से कटनी की ओर जाने वाला कोयला यातायात की रुकावट दूर हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने भिलाई में 50 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र का भी लोकार्पण किया। इससे ट्रेनों के परिचालन में सौर ऊर्जा के उपयोग में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने एनएच-49 के 55.65 किमी लंबे खंड के पक्की हिस्सों वाले दो लेन के पुनर्निर्माण और उन्नयन के कार्य को राष्ट्र को समर्पित किया। यह परियोजना दो महत्वपूर्ण शहरों बिलासपुर और रायगढ़ के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री ने एनएच-130 के 52.40 किमी लंबे खंड को पक्के हिस्सों के साथ दो लेन में पुनर्निर्माण और उन्नयन के कार्य को भी राष्ट्र को समर्पित किया। यह परियोजना अंबिकापुर शहर की रायपुर और कोरबा शहर के साथ कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद करेगी और क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगी।