सुंदरनगर। जंगली जानवरों के आतंक से खेती छोड़ चुके ग्रामीणों ने बंजर भूमि पर एलोवेरा के पौधे लगाए तो उनके लिए नया सवेरा शुरू हो गया। जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े स्वयं सहायता समूह ने वन मंडल सुकेत के थल्ला में बंजर खेत में एलोवेरा के 25 हजार पौधे रोपे। जिससे आने वाले समय में इसी औषधीय पौधों की बिक्री से आजीविका में सुधार होगा और ग्रामीणों की अच्छी कमाई भी होगी। जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने थल्ला क्षेत्र का दौरा कर यहां रोपे गए एलोवेरा के पौधों का निरीक्षण किया। बता दें कि सरस्वती स्वयं सहायता समूह थल्ला ने यहां निजी भूमि पर एलोवेरा के 25 हजार पौधे रोप दिए हैं। जो आने वाले समय में आजीविका सुधार का साधन बनेगा। स्वयं सहायता समूह की इस बेहतरीन कार्यशैली के लिए मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने जमकर सराहना की। उन्होंने यहां स्वयं सहायता समूहों के साथ समीक्षा बैठक कर आर्थिकी सुदृढ़ करने बारे महत्वपूर्ण टिप्स दिए। गौरतलब है कि सुकेत के थल्ला में रोपे गए एलोवेरा के पौधों की मार्केटिंग और बिक्री के लिए रूद्रा शक्ति हर्बस प्राइवेट लिमीटेड के साथ हाल ही में एमओयू हस्ताक्षर किए हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार एलोवेरा के पत्ते 7 रुपये प्रति किलो और 21 से 25 रुपये प्रति बेबी प्लांट इस कंपनी को बेचे जाने हैं। ऐसे में आने वाले समय में औषधीय पौधों से स्वयं सहायता समूह की अच्छी कमाई सामने आएगी। नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि थल्ला क्षेत्र में मेहनतकश किसान जंगली जानवर और आवारा पशुओं से आहत होकर अब औषधीय पौधे तैयार करने में जुट गए हैं, जो अपने आप में मिसाल है। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों में पौधे रोपने के लिए जाइका वानिकी परियोजना हर संभव सहयोग कर रही है। इस अवसर पर सेवानिवृत हिमाचल प्रदेश वन सेवा अधिकारी वीपी पठानिया, रेंज ऑफिसर सुकेत राज कुमार, विषय वस्तु विशेषज्ञ विजय कुमार, एफटीयू को-ऑर्डिनेटर मनीष कुमार, सरस्वती स्वयं सहायता समूह की प्रधान शारदा देवी समेत वन विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी मौजूद रहे।
लंबित कार्यों को जल्द निपटाने के निर्देश
जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने शुक्रवार सायं डीएमयू मंडी में चल रही सभी गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने वन मंडल मंडल के चार रेंज में परियोजना की चल रहे सभी कार्यों की समीक्षा की। मुख्य परियोजना निदेशक ने डीएमयू मंडी के दायरे में लंबित पड़े कार्यों को जल्द निपटाने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर डीसीएफ मंडी वासू डोगर, सेवानिवृत हिमाचल प्रदेश वन सेवा अधिकारी वीपी पठानिया, एसएमएस, एफटीयू को-ऑर्डिनेटर समेत वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
बंजर खेत में औषधीय पौधों से आया नया सवेरा
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