धर्मशाला 02 मई। जाइका- मिशन, हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण-द्वितीय) की प्रगति की समीक्षा करने के लिए राज्य के अपने तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इसमें जापान के दूतावास के प्रथम सचिव (खाद्य और कृषि) ऊटा मसामी, वरिष्ठ प्रतिनिधि वाकामात्सू ईजी, प्रतिनिधि, काटो मारिया, प्रतिनिधि, इनागाकी युकारी और विकास विशेषज्ञ, निष्ठा वेंगुर्लेकर शामिल हैं। परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चैहान और उनकी टीम द्वारा मिशन का स्वागत किया गया और जिला कांगड़ा में चल रही विभिन्न परियोजना गतिविधियों की समीक्षा की गई। मिशन ने क्रमशः सगूर और बीड पंचायत के अंतर्गत प्रवाह सिंचाई योजनाओं छू नाला और गरतुहल कुहल का दौरा किया, जहां उन्होंने प्रगति की समीक्षा की और लाभार्थियों के साथ बातचीत भी की। टीम द्वारा धर्मशाला और पपरोला में परियोजना द्वारा समर्थित किसान उत्पादक कंपनियों का दौरा किया और उनके साथ चर्चा की । मिशन ने टेनेशियस बी कलेक्टिव और हिल स्प्राउट्स, कृषि स्टार्टअप के साथ बातचीत की। मिशन ने शिटाके मशरुम प्रशिक्षण केंद्र पालमपुर में की जा रही विभिन्न गतिविधियों की भी समीक्षा की।
परियोजना निदेशक, डॉ. सुनील चैहान ने कहा कि एचपीसीडीपी (चरण-द्वितीय), उच्च मूल्य वाली फसलों के टिकाऊ फसल विविधीकरण का समर्थन करने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास और संबंधित हितधारकों के कौशल विकास सहित विभिन्न गतिविधियाँ कर रहा है। यह परियोजना हिमाचल प्रदेश राज्य भर में लगभग 25000 किसान परिवारों और 7930 हैक्टर खेती योग्य भूमि के साथ 296 उप परियोजनाओं को लक्षित कर रही है।
इस दौरे के दौरान डॉ. राजेश कुमार, जिला परियोजना प्रबंधक, डॉ. रविंदर चैहान, उप परियोजना निदेशक, डॉ. रजनीश शर्मा, डॉ. सपन ठाकुर मौजूद रहे।
फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के कार्यों का किया निरीक्षण
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