Read Time:3 Minute, 57 Second
धर्मशाला, 27 मई। मतगणना केंद्रों की सीलिंग प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों की जांच के दौरान सभी सहायक निर्वाचन अधिकारी और माइक्रो ऑब्जर्वर निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करेंगे। मतगणना केंद्रों की सीलिंग व दस्तावेजों की स्क्रूटिनी प्रक्रिया को लेकर आज सोमवार को उपायुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए सामान्य पर्यवेक्षक राहुल तिवारी (आई.ए.एस) ने यह बात कही। बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी हेमराज बैरवा उपस्थित रहे तथा कांगड़ा-चम्बा संसदीय क्षेत्र के सभी सहायक निर्वाचन अधिकारी और माईक्रो ऑब्जर्वर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इससे जुड़े। सामान्य पर्यवेक्षक ने सभी अधिकारियों को मतगणना केंद्रों की सीलिंग प्रक्रिया से संबंधित महत्वपूर्ण बातें बताईं और नियमानुरूप पूरी कार्रवाई को अमल में लाने के निर्देश दिए।
पांच केंद्रों में होगी काउंटिंग
सामान्य पर्यवेक्षक ने बताया कि कांगड़ा-चम्बा लोकसभा चुनावों की मतगणना के लिए नूरपुर, चम्बा, पालमपुर, ज्वालामुखी और धर्मशाला में मतगणना केंद्र बनाए जाएंगे। वोटिंग के बाद पूरी सुरक्षा के साथ इन मतदान केंद्रों में ईवीएम पहुंचाई जाएंगी, जिसके पश्चात इन केंद्रों की सीलिंग और दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
टीम बनाकर काम करें एआरओ और माइक्रो ऑब्जर्वर्स
राहुल तिवारी ने बताया कि मतगणना केंद्रों की सीलिंग के लिए सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) और माइक्रो ऑब्जर्वर्स को टीम बनाकर समन्वय के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक मतगणना केंद्र की सीलिंग के दौरान एआरओ और दो माइक्रो ऑब्जर्वर मौजूद रहेंगे। बिना माइक्रो ऑब्जर्वर की उपस्थिति के मतगणना केंद्रों को सील नहीं किया जाएगा।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि रहेंगे मौजूद, होगी वीडियोग्राफी
उन्होंने बताया कि चुनाव लड़ रहे प्रत्येक राजनीतिक दल या प्रत्याशी के प्रतिनिधि को भी इसकी सूचना दी जाएगी, जिससे वे स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर मतगणना केंद्रों की सीलिंग प्रक्रिया को देख सकते है। इसके अलावा पारदर्शिता के लिए इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी।
समय पर हों सभी प्रबंध: जिला निर्वाचन अधिकारी
जिला निर्वाचन अधिकारी हेमराज बैरवा ने इस दौरान सभी सहायक निर्वाचन अधिकारी और माईक्रो आब्जर्वर्स को मतगणना के लिए सभी आवश्यक प्रबंधों को समय रहते करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मतदान और मतगणना से संबंधित लॉजिस्टिक्स को पहले से व्यवस्थित करके उनके स्थान पर स्थापित किया जाए, जिससे मौके पर किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।