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हाल ही के दिनों में जंगलों में बढ़ती आगजनी की घटनाओं की रोकथाम के लिए वन विभाग द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं इस कड़ी में वन विभाग की टीमें विभिन्न स्तरों पर न केवल अग्निशमन का कार्य कर रही हैं बल्कि इसके लिए लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील व जागरूक भी किया जा रहा है। यह जानकारी डीएफओ डलहौजी रजनीश महाजन ने दी है। उन्होंने बताया कि फायर सीजन को मद्देनजर रखते हुए मंडल स्तर पर ग्रामीण लोगो को जागरूक किया गया था व ग्रामीण वन प्रबंधन समितियों द्वारा चीड़ की पतियाँ हटाई गयी थी यही नहीं विद्यार्थियों को भी वन अग्नि के दुष्प्रभाभो के बारे में बताया गया था। रजनीश महाजन ने बताया कि बावजूद इसके काफी समय से वर्षा न होने ,तापमान में बढ़ोतरी होने के कारण व जंगलो में चीड़ की पतियाँ, पंजफुल्ली, यूपटोरियम व अन्य ज्वलनशील पदार्थ होने के कारण हाल ही में आगजनी की घटनाये हुई हैI इन घटनाओं की रोकथाम के लिए वन मंडल डलहौज़ी के कर्मचारी स्थानीय जन सहयोग से निरंतर प्रयासरत हैं फिर भी कुछ शरारती तत्व जंगलो में आग लगाकर करोड़ो की वन संपदा को आग की भेंट चढ़ा रहे है। इसी सन्दर्भ में वन परिक्षेत्र डलहौज़ी की शेरपुर बीट में एक शरारती तत्व के खिलाफ़ असिना बेगम वन रक्षक, अनिल कुमार वनपाल, राहुल ठाकुर वन परिक्षेत्र अधिकारी डलहौज़ी द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गयी है। एक अन्य मामले में तुनुहट्टी बीट में राजेश कुमार वन रक्षक, चमन लाल वन पाल, बरयाम सिंह वन परिक्षेत्र अधिकारी बकलोह द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गयी है I वन अग्नि नियमो के अनुसार जो लोग वन विभाग को सूचित किये बिना घासनियो या अपने खेतो में आग लगाते है उनके खिलाफ भी वन मंडल डलहौज़ी ने उनके वन अधिकार निलंबित करने वारे नोटिस जारी किये हैं। डीएफओ डलहौजी ने बताया कि वन विभाग को सूचित किये बिना घासनियों या खेतो में आग लगाना अपराध है I उन्होंने आमजन से आग्रह है कि वह वनों में आग न लगाये, आगजनी की सुचना वन विभाग को तुरंत दे तथा आग को बुझाने में वन विभाग का सहयोग करें ।