कुल्लू 7 जून
उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस रवीश ने आज जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य को लेकर जिला कार्य योजना की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने सभी सम्बद्ध विभागों को इससे सम्बंधित जागरूकता एवं प्रचार प्रसार एवं इससे निपटने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए । उपायुक्त ने सूचना, शिक्षा एवं संचार के अन्तरगत पचायती राज संस्थानों , जिला शिक्षक प्रशिकण संसथान तथा जिला के स्कूलों एवं आपदा मित्रों को भी इस अभियान से जोड़ने के निर्देश दिए ताकि ऐसी स्थिति से निपटने के तरीकों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुइचाया जा सके।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुरेश ने इस अवसर पर एक विस्तृत पीपीटी प्रस्तुति देते हुए कहा की हीट वेव की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर प्रभाव डालती हैं, जिससे मृत्यु भी हो सकती है। इसके प्रभाव को कम करने के लिए प्रचार माध्यमों से हीट वेव / लू के सम्बन्ध में जारी की जा रही चेतावनी पर ध्यान दें। हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प के लक्षणों जैसे ककमजोरी, चक्कर आना,सिरदर्द, उबकाई, पसीना आना, मूर्छा आदि को पहचानें। यदि मूर्छा या बीमारी अनुभव करते है तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लें। हाइड्रेटेड रहें (शरीर में जल की कमी से बचाव ) अधिक से अधिक पानी पियें । यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ अवश्य ले जाएं। ओ0आर0एस0, घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे कि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके।
जल की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल एवं सब्जियों का प्रयोग करें यथा तरबूज खरबूज संतरे अंगूर अनानास खीरा ककड़ी, सलाद पत्ता (लेट्यूस)। शरीर को ढक कर रखें हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें। धूप के चश्मे, छाता, टोपी, व चप्पल का प्रयोग करें अगर आप खुले में कार्य करते है तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहें तथा छाते का प्रयोग करें। यथासंभव अधिक से अधिक अवधि के लिए घर कार्यालय इत्यादि के अंदर रहें । उचित वायु संचरण वाले शीतल स्थानों पर रहें सूर्य की सीधी रोशनी तथा उष्ण हवा को रोकने हेतु उचित प्रबंध करें। अपने घरों को ठंडा रखें, दिन में खिड़कियां,पर्दे तथा दरवाजे बंद रखें विशेषकर घर तथा कार्यालय के उन क्षेत्रों में जहाँ सूरज की सीधी रौशनी पड़ती हो। शाम / रात के समय घर तथा कारणों को ठंडा करने हेतु इन्हें खोल दें। घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समय अवधि तथा आवृत्ति को बढायें। पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें। जानवरों को छायादार स्थानों पर रखे तथा उन्हें पर्याप्त पानी पीने को दें। उच्च जोखिम समूह सामान्य आबादी की तुलना में हीट वेव के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं, एक वर्ष से कम आयु के शिशु तथा अन्य छोटे बच्चे, गर्भवती महिला, बाह्य वातावरण में कार्य करने वाले व्यक्ति, बीमार व्यक्ति, विशेषकर हृदय रोगी अथवा उच्च रक्तचाप से ग्रस्त व्यक्ति, ऐसे व्यक्ति जो ठंडे क्षेत्रों से गर्म क्षेत्रों में जा रहे हो,इन सभी समूहों के बचाव पर अधिक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है।
बैठक में जिला चिकित्सा अधिकारी डा नागराज पवार, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण अभिकरण प्रवीण भारद्वाज , कार्यक्रम अधिकारी समग्र शिक्षा सुरेंद्र शर्मा सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे