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अंतर एजेंसी समूह ने बेहतर प्रबंधन के लिए दिए सुझाव, व्यापक रिपोर्ट की प्रस्तुत
धर्मशाला, 26 जून। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि मानसून सीजन में आपदा प्रबंधन तथा राहत तैयारियों के स्तर को बढ़ाने पर विशेष फोक्स किया जाएगा। इस बाबत बुधवार को आपदा प्रबंधन को लेकर अंतर एजेंसी समूह की बैठक भी आयोजित की गई। इसमें मानसून सीजन आपदा प्रबंधन और राहत तैयारियों के स्तर को बढ़ाने और रणनीति बनाने पर केंद्रित थी।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि मानसून सीजन के दौरान जिला तथा उपमंडल स्तर पर नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए गए हैं इसके साथ ही सभी विभागों में नोडल अधिकारी भी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आपदा के दौरान त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी भी नियमित तौर पर आम जनमानस तक पहुंचाई जाएगी ताकि पहले से ही सभी सतर्क हो जाएं। इस अवसर पर एडीएम डा हरीश गज्जू ने आपदा प्रबंधन की तैयारियों को लेकर विस्तार से जानकारी प्रदान की तथा अंतर एजेंसी समूहों की भूमिका को लेकर भी विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। बैठक के दौरान, जिला-स्तरीय सरकारी निकायों ने सक्रिय गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से अपनी आपदा प्रबंधन योजनाओं की जानकारी दी जिसमें उनकी तैयारियों और सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों पर प्रकाश भी डाला गया।
इस अवसर पर रॉबिन कुमार, आईटी समन्वयक, डीडीएमए और आईएजी सदस्यों ने मानसून से संबंधित आपदा प्रतिक्रिया तैयारियों के लिए गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों की तैयारी पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रोफेसर (सेवानिवृत्त) कालिया ने कमजोर बुनियादी ढांचे पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता का मुद्दा उठाया। हरजीत भुल्लर ने स्थानीय गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों की व्यापक भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए उप-मंडल स्तर पर जीओ-एनजीओ के गठन पर प्रकाश डाला।
धर्मशाला, 26 जून। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि मानसून सीजन में आपदा प्रबंधन तथा राहत तैयारियों के स्तर को बढ़ाने पर विशेष फोक्स किया जाएगा। इस बाबत बुधवार को आपदा प्रबंधन को लेकर अंतर एजेंसी समूह की बैठक भी आयोजित की गई। इसमें मानसून सीजन आपदा प्रबंधन और राहत तैयारियों के स्तर को बढ़ाने और रणनीति बनाने पर केंद्रित थी।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि मानसून सीजन के दौरान जिला तथा उपमंडल स्तर पर नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए गए हैं इसके साथ ही सभी विभागों में नोडल अधिकारी भी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आपदा के दौरान त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी भी नियमित तौर पर आम जनमानस तक पहुंचाई जाएगी ताकि पहले से ही सभी सतर्क हो जाएं। इस अवसर पर एडीएम डा हरीश गज्जू ने आपदा प्रबंधन की तैयारियों को लेकर विस्तार से जानकारी प्रदान की तथा अंतर एजेंसी समूहों की भूमिका को लेकर भी विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। बैठक के दौरान, जिला-स्तरीय सरकारी निकायों ने सक्रिय गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से अपनी आपदा प्रबंधन योजनाओं की जानकारी दी जिसमें उनकी तैयारियों और सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों पर प्रकाश भी डाला गया।
इस अवसर पर रॉबिन कुमार, आईटी समन्वयक, डीडीएमए और आईएजी सदस्यों ने मानसून से संबंधित आपदा प्रतिक्रिया तैयारियों के लिए गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों की तैयारी पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रोफेसर (सेवानिवृत्त) कालिया ने कमजोर बुनियादी ढांचे पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता का मुद्दा उठाया। हरजीत भुल्लर ने स्थानीय गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों की व्यापक भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए उप-मंडल स्तर पर जीओ-एनजीओ के गठन पर प्रकाश डाला।