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सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को प्राथमिकता दें ताकि स्थानीय लोगों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। यह बात आज यहां उपायुक्त कार्यालय के बचत भवन सभागार में लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सुन्नी बांध जल विद्युत परियोजना के राहत एवं पुनर्वास योजना की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों की समस्याओं के निराकरण के लिए उपमण्डलाधिकारी शिमला ग्रामीण एवं उपमण्डलाधिकारी कुमारसैन की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा ताकि लोगों की समस्या का समाधान सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि समिति की बैठक मासिक तौर पर सुनिश्चित हो, जिसमें स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों की भी उपस्थिति रहेगी।
उन्होंने इस दौरान एसजेवीएनएल के अधिकारियों से क्षेत्र के विकास कार्यों को पुनर्वास योजना की जानकारी ली तथा कहा कि योजनाओं का पूर्ण लाभ लोगों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहत एवं पुनर्वास योजना के अंतर्गत कुछ प्रभावित परिवारों ने परियोजना के अंतर्गत रोजगार का विकल्प चुना था, जो अब एकमुश्त अनुदान प्रदान करने की मांग कर रहे हैं, उन्हें दोबारा से विकल्प चुनने का मौका प्रदान किया जाना चाहिए तथा एकमुश्त राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाने के लिए भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायत चेवड़ी के मौहाल खैरा के लोगों को पुनर्वास स्थल उनके वर्तमान स्थल से बहुत दूर है, जिसे उनके वर्तमान स्थल के नजदीक किया जाना आवश्यक है। इस संदर्भ में उन्होंने एसजेवीएनएल के अधिकारियों को उनके पुनर्वास स्थल को उनके वर्तमान स्थल के नजदीक ही चयन करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पुनर्वास स्थल पर बनाए जा रहे मकानों की नींव को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 25 मीटर एवं शहरी क्षेत्रों के लिए 50 मीटर का प्रावधान है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के लिए बहुत कम है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भवन निर्माण के लिए निर्धारित नींव को बढ़ाने के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बांध परियोजना में स्थानीय प्रभावित परिवारों को नौकरी तथा भाड़े पर ली जा रही गाड़ियांे एवं मशीनरी में प्राथमिकता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का निवारण करना हमारी प्राथमिकता है। इसी दृष्टि से सभी अधिकारियों को कार्य करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर उपायुक्त अनुपम कश्यप, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (प्रोटोकाॅल) ज्योति राणा, परियोजना प्रमुख राजीव अग्रवाल, उपमण्डलाधिकारी शिमला ग्रामीण कविता ठाकुर, उपमण्डलाधिकारी कुमारसैन कृष्ण कुमार शर्मा, प्रधान सलाहकार एम.पी. सूद, भूमि अधिग्रहण अधिकारी अश्वनी सूद, प्रभावित पंचायतो के प्रधान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों की समस्याओं के निराकरण के लिए उपमण्डलाधिकारी शिमला ग्रामीण एवं उपमण्डलाधिकारी कुमारसैन की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा ताकि लोगों की समस्या का समाधान सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि समिति की बैठक मासिक तौर पर सुनिश्चित हो, जिसमें स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों की भी उपस्थिति रहेगी।
उन्होंने इस दौरान एसजेवीएनएल के अधिकारियों से क्षेत्र के विकास कार्यों को पुनर्वास योजना की जानकारी ली तथा कहा कि योजनाओं का पूर्ण लाभ लोगों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहत एवं पुनर्वास योजना के अंतर्गत कुछ प्रभावित परिवारों ने परियोजना के अंतर्गत रोजगार का विकल्प चुना था, जो अब एकमुश्त अनुदान प्रदान करने की मांग कर रहे हैं, उन्हें दोबारा से विकल्प चुनने का मौका प्रदान किया जाना चाहिए तथा एकमुश्त राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाने के लिए भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायत चेवड़ी के मौहाल खैरा के लोगों को पुनर्वास स्थल उनके वर्तमान स्थल से बहुत दूर है, जिसे उनके वर्तमान स्थल के नजदीक किया जाना आवश्यक है। इस संदर्भ में उन्होंने एसजेवीएनएल के अधिकारियों को उनके पुनर्वास स्थल को उनके वर्तमान स्थल के नजदीक ही चयन करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पुनर्वास स्थल पर बनाए जा रहे मकानों की नींव को ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 25 मीटर एवं शहरी क्षेत्रों के लिए 50 मीटर का प्रावधान है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के लिए बहुत कम है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भवन निर्माण के लिए निर्धारित नींव को बढ़ाने के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बांध परियोजना में स्थानीय प्रभावित परिवारों को नौकरी तथा भाड़े पर ली जा रही गाड़ियांे एवं मशीनरी में प्राथमिकता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का निवारण करना हमारी प्राथमिकता है। इसी दृष्टि से सभी अधिकारियों को कार्य करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर उपायुक्त अनुपम कश्यप, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (प्रोटोकाॅल) ज्योति राणा, परियोजना प्रमुख राजीव अग्रवाल, उपमण्डलाधिकारी शिमला ग्रामीण कविता ठाकुर, उपमण्डलाधिकारी कुमारसैन कृष्ण कुमार शर्मा, प्रधान सलाहकार एम.पी. सूद, भूमि अधिग्रहण अधिकारी अश्वनी सूद, प्रभावित पंचायतो के प्रधान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।