उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां जिला स्तरीय इंटर एंजेंसी समूह की बैठक का आयोजन किया गया।
उपायुक्त ने कहा कि समिति का मुख्य उद्देश्य सरकारी विभागों और गैर सरकारी संगठनों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित कर आपदा जोखिम में कमी लाना है। इसके साथ-साथ आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र को व्यवस्थित कर एक साथ काम करने की संस्कृति को बढ़ावा देना भी समिति का ध्येय है।
उन्होंने कहा कि बरसात के मद्देनज़र आपदा जोखिम के लिए हम सभी को समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में आपदा की संभावना को ध्यान में रखते हुए सभी गैर सरकारी संगठनों का राहत कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान रहता है और इस स्थिति में सभी एनजीओ को अपने स्वयंसेवकों की सूची तैयार करना आवश्यक रहेगा ताकि आपदा के समय उनकी सेवाएं ली जा सके।
अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला शिमला की विस्तृत भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हर क्षेत्र में वालंटियर की आवश्यकता रहेगी ताकि दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर आपदा के समय इन स्वयंसेवकों की सेवाएं ली जा सके।
उपायुक्त ने सभी गैर सरकारी संगठनों से 12 जुलाई, 2024 से पूर्व वालंटियर की सूची तैयार करने का आग्रह किया, जो आपदा के समय अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि वालंटियर की सूची उपलब्ध होने के उपरांत जुलाई माह के अंत तक सभी लोगों के प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गांधी ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि आपदा के समय संसाधनों का होना अत्यंत आवश्यक है ताकि किसी भी विपरीत स्थिति से निपटने में सक्षम हो सके।
बैठक में लेफ्टिनेंट कर्नल सतेन्द्र किन्हा, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (प्रोटोकाॅल) ज्योति राणा, जिला राजस्व अधिकारी संजीत शर्मा, कमांडेंट तीसरी बटालियन नविता शर्मा सहित गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि एवं समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
आपदा के समय एनजीओ की भूमिका महत्वपूर्ण – डीसी
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