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विभागीय अधिकारियों को आरटीआई एक्ट की जानकारी होना जरूरीः गुलेरिया

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धर्मशाला, 16 जुलाई। राज्य सूचना आयुक्त एसएस गुलेरिया ने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों ने में आरटीआई एक्ट के तहत जन सूचना अधिकारियों के नाम, पदनाम, डाक पते और संपर्क विवरण तथा अन्य जानकारियां उपलब्ध होना अत्यंत जरूरी हैं। मंगलवार को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत उपायुक्त कार्यालय परिसर में  आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि राज्य सूचना आयुक्त एसएस गुलेरिया ने कहा कि सभी विभागीय अधिकारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम की विस्तृत जानकारी होना अत्यंत   अनिवार्य है ताकि लोगों को निर्धारित समय में जानकारी प्रदान की जा सके।
 उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने और शासन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से भारतीय संसद ने सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 लागू किया था। इस अधिनियम में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि कोई भी भारतीय नागरिक किसी भी सार्वजानिक अथवा सरकारी प्राधिकरण से किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिये स्वतंत्र है, साथ ही इस अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना को आवेदन की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि अधिनियम में यह भी कहा गया है कि सभी सार्वजनिक प्राधिकरण अपने दस्तावेजों का संरक्षण करते हुए उन्हें कंप्यूटर में सुरक्षित रखेंगे। भारतीय संविधान देश के नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है अर्थात् देश के प्रत्येक नागरिक को किसी भी विषय पर अपनी स्वतंत्र राय रखने और उसे अन्य लोगों के साथ साझा करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार भारत जैसे बड़े लोकतंत्रों को मजबूत करने और उनके नागरिक केंद्रित विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जनता तक सटीक जानकारी का समय पर प्रसार करना। इस अवसर पर एडीएम डा हरीश गज्जू तथा एसीटूडीसी सुभाष गौतम ने भी आरटीआई के तहत विभिन्न विभागों के जन सूचना अधिकारियों को जानकारी प्रदान की।

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