गुजरात के हर्ष सोलंकी और उनका परिवार दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी से मिलने पहुंच गया सिर्फ एक रैली से कुछ सवाल जवाब से शुरू हुई कहानी और दिल्ली तक का सफर बन गया। आप पार्टी मैं गुजरात में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। कोई ना कोई बड़ा नेता दिल्ली से आये दिन दौड़ा रहता है। अब देखना है कि दिल्ली से गुजरात की दौड़ के परिणाम में कोई ट्रॉफी मिलती है या कॉन्सोलेशन इनाम से ही काम चलाना पड़ता है।
दूसरी तरफ हिमाचल में पार्टी अभी इतनी सक्रिय नहीं लगती है। ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी अभी हिमाचल में अपनी जमीन तलाश करने के मूड मैं दिखाई दे रही है इस विधानसभा इलेक्शन में इसलिए जायदा जोरों शोरों से अभी त्यार नहीं लग रही है। असली खेल तो जनता के हाथ में होता है अब देखना यह है कि जनता कैसे इन पार्टियों को दौड़ाती है और ट्रॉफी किस के हाथ में देती है।