कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश – 4 अगस्त 2024: हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक डॉ. राजेश राणा की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें संघ की राज्य कार्यकारी समिति और जिला कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने भाग लिया। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें चिकित्सकों की नियुक्ति और सेवा विस्तार प्रमुख थे।
संघ की पिछली बैठक 13 फरवरी को शिमला में माननीय मुख्यमंत्री महोदय की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य निदेशक को निर्देश दिए थे कि भविष्य में चिकित्सकों का सेवानिवृत्ति के बाद सेवा विस्तार नहीं किया जाए। लेकिन हाल ही में इन निर्देशों को दरकिनार करते हुए सेवा विस्तार दे दिया गया, जिससे संघ में आक्रोश व्याप्त है।
वर्ष 2023 में प्रदेश में बरसात के मौसम में आई आपदा के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई थीं। इस वर्ष भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के सैकड़ों पद रिक्त हैं, जिनको भरने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। आपदा प्रबंधन के तहत विभिन्न मॉक ड्रिल्स तो किए गए हैं, लेकिन वास्तविकता में आपदा का सामना करने के लिए नई नियुक्तियां नहीं की गई हैं।
संघ ने मुख्यमंत्री महोदय से आपदा के समय शीघ्र अति शीघ्र चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग की है ताकि प्रदेश से उत्तीर्ण हुए चिकित्सकों को रोजगार का मौका मिले और प्रदेश की जनता को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो सकें। इसके अलावा, संघ ने यह भी निवेदन किया है कि प्रदेश में NEET PG परीक्षा के केंद्र की उपलब्धता करवाई जाए, ताकि चिकित्सकों को परीक्षा के लिए अन्य राज्यों में न जाना पड़े और प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य सुविधा से वंचित न रहना पड़े।
संघ ने अपने सभी मुद्दों को मुख्यमंत्री महोदय और स्वास्थ्य मंत्री महोदय के समक्ष रखने का संकल्प लिया है और उम्मीद जताई है कि इन मांगों को गंभीरता से लिया जाएगा और शीघ्र ही समाधान निकाला जाएगा।
डॉ. विकास ठाकुर, महासचिव, हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ ने कहा, “हमने माननीय मुख्यमंत्री महोदय के आश्वासन के बाद भी धरातल पर कोई ठोस कदम नहीं देखा है। इस संदर्भ में चिकित्सकों ने पहले भी संघर्ष का रास्ता अपनाया था, लेकिन प्रदेश की जनता के हित में और माननीय मुख्यमंत्री महोदय के वचनों का सम्मान करते हुए उसे वापस ले लिया था। अब समय आ गया है कि इन मांगों को गंभीरता से लिया जाए और शीघ्र समाधान निकाला जाए।”
डॉ. विकास ठाकुर
महासचिव, हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ