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प्रदेश सरकार बौद्ध संस्कृति को देगी बढ़ावा – जगत सिंह नेगी

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 04 अगस्त, 2024

राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवम जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर के पूह विकास खंड की गोंग्यूल घाटी के लिए 14 लाख 31हजार रूपए की राशि से बनने वाले प्रवेश द्वार का शिलान्यास किया। इसके उपरांत उन्होंने सुन्नम पंचायत में अनुमानित 70 लख रुपए की राशि से निर्मित गुरजेस गोंपा बौद्ध मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस अवसर पर कहा की हमारी पहचान हमारी संस्कृति से है तथा हमें इसके सरंक्षण एवम संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत रहना है। हिमाचल सहित जनजातीय जिला किन्नौर में हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म के भी अनुयायी हैं तथा वर्तमान प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश सहित जनजातीय क्षेत्रों में बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है ताकि दुर्गम क्षेत्र के लोगों की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ौतरी हो सके और स्थानीय युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकें। उन्होंने युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे अपनी लोक संस्कृति पर गर्व करें और आधुनिक एवम सूचना प्रौद्योगिकी के युग में अध्यात्म के प्रति भी अपना रुझान रखें।
बागवानी मंत्री ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के हर वर्ग के विकास के प्रति कृतसंकल्पित हैं और कृषि, बागवानी एवम पशुपालन से अपना निर्वहन करने वालों के लिए इन व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए जन हितैषी योजनाओं का कार्यन्यवन कर रहे हैं। उन्होंने जिला के किसानों एवम बागवानों से उन्नत किस्म के सेब व अन्य नकदी फसलों को रोपित करने को कहा ताकि इस वैश्विक स्पर्धा के युग में जनजातीय जिला किन्नौर के लोग अपनी फसल के और अच्छे दाम प्राप्त कर सकें।
राजस्व मंत्री ने कहा की वन अधिकार अधिनियम-2006 तत्कालीन कांग्रेस सरकार की देन है जिससे कई निर्धन एवम भूमिहीन लोगों को उनकी अपनी मालिकाना जमीन प्राप्त हुई। उन्होंने कहा की इस संदर्भ में जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे वन अधिकार अधिनियम-2006 एवम प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी नीतियों एवम योजनाओं से आम जनता को जागरूक करें ताकि राज्य सरकार की समावेशी नीतियों का लाभ निर्धन एवम उपेक्षित वर्गों को मिल सके।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 भी तत्कालीन कांग्रेस सरकार की देन है जिससे एक आम नागरिक किसी भी सरकारी विभाग से सूचना प्राप्त कर सकता है। इस अधिनियम को लाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाने, सरकार के कार्य में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व लाने, भ्रष्टाचार को नियंत्रित करना एवम हमारे लोकतंत्र को लोगों के लिए कामयाब बनाना है। उन्होंने उपस्थित जनों से आग्रह किया कि वे सरकार द्वारा चलाई गई नीतियों व योजनाओं की जानकारी इस अधिनियम का उपयोग कर संबंधित सरकारी विभाग से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने इस दौरान हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनावों का जिक्र करते हुए कहा की ये चुनाव धन-बल पर जन-बल का प्रतीक है तथा दलगत राजनीति को हिमाचल की जनता ने सदैव नकारा है।
इससे पूर्व राजस्व मंत्री ने पूह विकास खंड की ग्राम पंचायत रिस्पा, जहां गत दोनों बादल फटने की घटना हुई थी का भी निरीक्षण किया तथा स्थानीय लोगों से सीधा संवाद स्थापित किया और उन्हें प्रदेश सरकार से हर संभव मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पूह विनय मोदी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी किन्नौर डॉ सोनम नेगी, जिला उद्योग अधिकारी गुरुलाल लेगी, उपनिदेशक बागवानी भूपेंद्र नेगी व पंचायत जन प्रतिनिधियों सहित अन्य अधिकारीगण एवम कर्मचारी उपस्थित थे।

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