हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों की “स्टडी लीव” (अध्ययन अवकाश) के संदर्भ में एक बड़ा फैसला लिया है। इस निर्णय के तहत, सरकार ने पूर्व में जारी किए गए सभी आदेशों को रद्द कर दिया है। अब “वित्त विभाग” ही इस बात का निर्णय लेगा कि किस कर्मचारी को कितना वेतन मिलेगा।
सरकार के इस नए निर्णय के अनुसार, कर्मचारियों को अध्ययन अवकाश के दौरान केवल 40% वेतन ही दिया जाएगा। पहले की व्यवस्था में कर्मचारियों को स्टडी लीव के दौरान पूरी सैलरी मिलती थी, लेकिन अब यह कटौती लागू की गई है।
इस कदम का उद्देश्य वित्तीय अनुशासन बनाए रखना और सरकारी खजाने पर पड़ने वाले बोझ को कम करना है। सरकार के इस फैसले का प्रभाव उन कर्मचारियों पर पड़ेगा जो अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाने के लिए स्टडी लीव पर जाने की योजना बना रहे थे।
इस फैसले के बाद राज्य के कर्मचारियों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कुछ कर्मचारियों का मानना है कि यह निर्णय उनके आर्थिक स्थिति पर असर डाल सकता है, जबकि कुछ का कहना है कि सरकार को वित्तीय संतुलन बनाए रखने के लिए ऐसे कदम उठाने की आवश्यकता है।
सरकार के इस फैसले पर कर्मचारियों के संगठन और विभिन्न संघठन क्या रुख अपनाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।