0 0 lang="en-US"> डीसी ने किया बहडाला कड़कनाथ पोल्ट्री फार्म का दौरा - ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क
Site icon ग्रेटवे न्यूज नेटवर्क

डीसी ने किया बहडाला कड़कनाथ पोल्ट्री फार्म का दौरा

Spread the Message
Read Time:4 Minute, 20 Second

ऊना, 9 अगस्त: .उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने ज़िला में कड़कनाथ मुर्गी पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को बहडाला गांव में स्थित पोल्ट्री फार्म का दौरा किया। इस पोल्ट्री फार्म में कड़कनाथ व देसी नसल की मुर्गियांे का पालन किया जा रहा है। उपायुक्त ने पोल्ट्री फार्म के मालिक भूपिन्द्र सिंह से इस व्यवसाय बारे बारीकी से जानकारी हासिल की ताकि ज़िला में इस व्यवसाय के प्रति लोगों को प्रेरित किया जा सके। 
उपायुक्त ने बताया कि कड़कनाथ मुर्गे को पालना आसान होता है और रखरखाव में ज्यादा खर्च नहीं होता है। कड़कनाथ मुर्गे का मांस और अण्डे बाजार में काफी मंहगे बिकते हैं जिससे लोग कम समय में अच्छा मुनाफा हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा कड़कनाथ मुर्गी की अन्य नसलों की अपेक्षा बहुत कम बीमार पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि कड़कनाथ नसल के अण्डे का बाजारी मूल्य 25 से 30 रूपये प्रति अण्डा है, जबकि इसके मांस की कीमत लगभग एक हजार रूपये प्रति किलोग्राम है। वर्तमान में बाज़ार में इसके अण्डे व मांस की मांग बड़ी तेजी से बढ़ती जा रही है क्योंकि इसका सेवन कई गंभीर बीमारियों के रोगियों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन जबकि वसा की मात्रा न्यूनतम होती है। इसके अलावा शरीर में रक्त बढ़ाने के साथ-साथ आंखों की रोशनी बेहतर करने व कोर्निया को साफ रखने में बहुत मददगार सिद्ध हुआ है। उन्होंने ज़िला के किसानों से आह्वान किया है कि वे इस व्यवसाय को अपनाने के लिए आगे आएं।    
उपायुक्त ने जानकारी दी कि जलग्रां गांव में स्थित सरकारी पोल्ट्री फार्म में अक्तूबर माह में प्रदर्शन हेतु कड़कनाथ नसल के 500 मुर्गे-मुर्गियां लाई जा रही हैं। इनमें से कुछ का पालन विभाग के पोल्ट्री फार्म में पालन किया जाएगा, जबकि कुछ को इस व्यवसाय के लिए इच्छुक लोगों को दिया जाएगा। उन्होंने ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ज़िला में इनके अण्डे व मुर्गों की बिक्री के आउटलेट्स खोले जाएं ताकि लोगों को ये सुगमता से उपलब्ध हो सकें। 
इसके उपरान्त उपायुक्त ने बहडाला में बीमार व दुर्घटनाओं में घायल बेसहारा पशु-पक्षियों के उपचार हेतु स्थापित राधा-माधव सेवा कुंज का दौरा कर यहां उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न सुविधाओं का निरीक्षण किया। वर्तमान में इस संस्थान में छोटे-बड़े लगभग 40 जानवर उपचाराधीन हैं। उन्होंने पशुपालन विभाग को निर्देश दिये कि यहां पर एक ट्रामा सेंटर खोलने बारे बीडीओ ऊना से मिलकर एक ऐस्टिमेट तैयार किया जाए तथा इस सेंटर के लिए जरूरी उपकरण व अन्य सुविधाओं के सृजन के लिए अवगत करवाया जाए। 
इस अवसर पर सहायक निदेशक पशुपालन विभाग डॉ. राकेश भट्टी, राधा-माधव सेवा कुंज के संचालक वरूण प्रभाकर तथा सहयोगी अर्जुन व तरूण मौजूद रहे।

Happy
0 0 %
Sad
0 0 %
Excited
0 0 %
Sleepy
0 0 %
Angry
0 0 %
Surprise
0 0 %
Exit mobile version