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ऊना, 12 अगस्त. अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) महेंद्र पाल गुर्जर ने ऊना जिले में डेयरी उद्योग को सशक्त बनाने के लिए दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण में जिले की भागीदारी को और मजबूत करने पर बल दिया है। उन्होंने जिले में अपंजीकृत दुग्ध समितियों को सक्रिय करने और पंजीकृत समितियों की कार्य क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए। वे कांगड़ा जिले में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) क्षमता के दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना के संबंध में ऊना की भागीदारी पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
एडीसी ने कहा कि ऊना जिले के डेयरी उद्योग में असीम संभावनाएं हैं, जिन्हें साकार करने के लिए हमें ठोस रणनीति अपनानी होगी। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे दुग्ध क्षेत्र में पंजीकृत समितियों की कार्यक्षमता में सुधार करते हुए अधिक पशुपालकों को जोड़ने की दिशा में कार्य करें। इसके लिए सहायक निदेशक पशुपालन विभाग और खंड विकास अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर बैठकें कर, दूध खरीद की क्षमता बढ़ाने के उपायों पर विचार-विमर्श कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया।
बैठक में अपंजीकृत दुग्ध समितियों के पुनर्गठन और उन्हें पंजीकृत समितियों में शामिल करने पर व्यापक चर्चा हुई। साथ ही, बल्क मिल्क कूलर (बीएमसी) और आइस कैन कूलर जैसी आधुनिक सुविधाओं की स्थापना के लिए सोसायटी स्तर पर उपयुक्त स्थानों की पहचान करने पर जोर दिया गया। एडीसी ने इन सुविधाओं के लिए गहन सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, ताकि ऊना जिले में डेयरी उद्योग को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।
इस दौरान, लालसिंघी में दूध प्रसंस्करण संयंत्र (एमपीपी) की भंडारण क्षमता को बढ़ाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। एडीसी ने बताया कि इससे किसानों से अधिक दूध की खरीद सुनिश्चित होगी, जिससे स्थानीय डेयरी उद्योग को संजीवनी मिलेगी और किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।
बैठक में परियोजना अधिकारी डीआरडीए ऊना शेफाली शर्मा, उप निदेशक पशुपालन डॉ. विनय शर्मा, सहायक निदेशक पशुपालन डॉ. राकेश भट्टी, बीडीओ ऊना के एल वर्मा, बीडीओ अम्ब ओम पाल डोगरा, बीडीओ बंगाणा सुशील कुमार, बीडीओ गगरेट टी के चिनोरिया, बीडीओ हरोली वीरेंद्र कौशल, एआरसीएस ऊना राकेश कुमार, प्लांट इंजीनियर मिल्कफेड अखिलेश प्रशार सहित अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे।