शिमला, 12 अगस्त 2024: हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने हाल ही में कोलकाता में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर की निर्मम हत्या और दुष्कर्म की घटना की कड़ी निंदा की है। इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए, संघ के सदस्यों ने आज अपने-अपने चिकित्सा संस्थानों में मोमबत्ती जलाकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही, उन्होंने इस मामले में शीघ्र न्याय की मांग भी की।
इस घटना के बाद, हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने देश भर में चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा को एक पत्र भेजा है। संघ ने इस पत्र में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाने की गुहार लगाई है। इसके साथ ही, संघ ने ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और वेस्ट बंगाल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन को भी समर्थन पत्र भेजकर चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए सख्त नियम बनाने की मांग की है।
संघ ने इस अवसर पर यह भी याद दिलाया कि हिमाचल प्रदेश में मेडिपर्सन एक्ट के तहत हिमाचल प्रदेश चिकित्सीय सेवा-व्यक्ति तथा चिकित्सीय सेवा-संस्था (हिंसा और संपत्ति के नुकसान का निवारण) संशोधन अधिनियम, 2017 की अधिसूचना अब तक जारी नहीं की गई है। संघ ने जोर देकर कहा कि हिमाचल प्रदेश के 24×7 स्वास्थ्य संस्थानों में भी सुरक्षा व्यवस्था की भारी कमी है, जिससे चिकित्सकों, विशेष रूप से महिला चिकित्सकों, के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
महासचिव डॉ. विकास ठाकुर ने बताया कि संघ ने इस मामले में पहले भी सरकार से पत्राचार किया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। संघ ने माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वह इन स्वास्थ्य संस्थानों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और रात्रि सेवाएं दे रही महिला चिकित्सकों के मनोबल को बढ़ावा मिल सके। संघ ने यह भी घोषणा की कि वे शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलकर इस समस्या को उनके समक्ष फिर से उठाएंगे, ताकि चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।