शिमला, 20 अगस्त 2024: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर के आरोपों का कड़ा जवाब देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बेबुनियाद आरोप लगाकर सुर्खियों में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि मंत्रियों की कोठियों का रखरखाव और मरम्मत सरकार की नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसे पूर्व सरकारों के कार्यकाल में भी किया गया है।
प्रेस वक्तव्य में दोनों मंत्रियों ने स्पष्ट किया कि सरकारी कोठियों की मरम्मत केवल मौजूदा मंत्रियों के लिए नहीं की गई है, बल्कि जय राम ठाकुर की सरकारी कोठी की मरम्मत पर भी खर्च किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में भी मंत्रियों के कार्यालयों और कोठियों की मरम्मत होती रही है, इसलिए इस पर आरोप लगाना गैर-जरूरी है।
मंत्रियों ने भाजपा नेताओं को सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने की सलाह देते हुए कहा कि उन्हें हिमाचल प्रदेश के विकास में सहयोग करना चाहिए, न कि अड़ंगे डालने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता दिल्ली जाकर प्रदेश को मिलने वाली आर्थिक मदद में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल आई आपदा के बाद राज्य सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये के क्लेम केंद्र को भेजे थे, लेकिन भाजपा नेताओं के दबाव के कारण इसे रोका जा रहा है। इसके अलावा, राज्य के कर्मचारियों के एनपीएस के 9200 करोड़ रुपये भी केंद्र सरकार के पास फंसे हुए हैं, जिसे वापस लाने में भाजपा को प्रदेश सरकार का समर्थन करना चाहिए।
रोहित ठाकुर और विक्रमादित्य सिंह ने यह भी कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है, जबकि जय राम ठाकुर ने कर्मचारियों को पेंशन के लिए चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। उन्होंने यह भी बताया कि 75 वर्ष से अधिक आयु के 28 हजार से अधिक पेंशनरों का पूरा एरियर इस वर्ष जारी किया जा रहा है, जबकि भाजपा सरकार के समय केवल 50 हजार रुपये का एरियर जारी किया गया था। इसके साथ ही कर्मचारियों को सात प्रतिशत महंगाई भत्ता भी प्रदान किया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली के बाद केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि केंद्र ने लोन लेने की सीमा घटाकर 6600 करोड़ रुपये कर दी, जिससे प्रदेश को 1200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा, बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए लोन की सीमा तीन साल के लिए 2900 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है और जीएसटी प्रतिपूर्ति भी समाप्त कर दी गई है।
मंत्रियों ने आरोप लगाया कि 15वें वित्त आयोग ने भी प्रदेश के साथ अन्याय किया है, जिससे राजस्व घाटा अनुदान में कटौती हुई है। उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2021-22 में यह ग्रांट 10 हजार 249 करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2025-26 में घटकर 3 हजार 257 करोड़ रुपये रह जाएगी। इससे मौजूदा कांग्रेस सरकार को विकास कार्यों के लिए 7 हजार करोड़ रुपये कम मिलेंगे।
अंत में, उन्होंने कहा कि हिमकेयर योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और प्रदेश सरकार ने इसकी जांच कराने का फैसला किया है। दोनों मंत्रियों ने कहा कि भाजपा को प्रदेश के विकास में सहयोग करना चाहिए, न कि बाधाएं खड़ी करनी चाहिए।