मंडी जिला में 238 प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी सेवाएं , 205 डेयरी सहकारी सेवाएं और 5 मत्स्य सहकारी सेवाएं पंजीकृत
मंडी, 3 सितम्बर। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने कहा है कि जिला सहकारी विकास समिति सहकारी सभाएं बनाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करे ताकि सहकारिता के माध्यम से लोगों को आर्थिक गतिविधियों के साथ जोड़ा जा सके। वर्तमान में मंडी जिला में प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी सेवाएं 238, डेयरी सहकारी सेवाएं 205 और मत्स्य सहकारी सेवाएं 5 पंजीकृत हैं। उपायुक्त मंडी मंगलवार को जिला सहकारी विकास समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला में मत्स्य पालन में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों के साथ समिति के सदस्यों से कहा कि वे मत्स्य पालन कर रहे लोगों को सहकारी सभाओं के साथ जोड़े और तथा उन्हें मछली से बनने वाले परम्परागत उत्पादों के बजाय अलग से नए खाद्य उत्पादों को बनाने के लिए प्रेरित करें ताकि उत्पादों की बिक्री आसानी से हो सके।
उपायुक्त ने बताया कि लोगों की आजीविका को बढ़ाने के लिए मंडी जिला के स्थानीय उत्पादों की मांडव नाम से माकेर्टिंग की जा रही है। लेकिन यह उत्पाद मेलों में या स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो पा रहे हैं। यह उत्पाद ऑनलाईन उपलब्ध नहीं है। उन्होंने सभी विभागों को आपस में समन्वय स्थापित कर सहकारी सभाओं सहित स्वयं सहायता समूहों के स्थानीय उत्पादों की माकेर्टिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म विकसित करने को कहा। उन्होंने समीति को मंडी जिला में कीरतपुर-मनाली फोरलेन के किनारे आउटलेट खोलने की संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस फोरलेन से बड़ी संख्या में लोग गुजरते हैं। मंडी-हमीरपुर और मंडी-पठानकोट एनएच बन रहे हैं। अच्छी पैकेजिंग और ब्रांडिंग से फोरलेन के किनारे स्वयं सहायता समूहों और सहकारी सभाओं के उत्पादों की बिक्री के लिए अच्छा प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया जा सकता है।
बैठक में जिला सहकारी विकास समिति के संयोजक सहायक पंजीयक, सहकारी सभाएं मंडी बिक्रम जीत, सदस्य उपनिदेशक पशुपालन डॉ अतुल पुरी, सहायक निदेशक मत्स्य पालन नीतू सिंह, डीडीएम नाबार्ड राकेश वर्मा, एजीएम एचपीएससीबी उमेश कुमार और पंकज शर्मा, जिला नियंत्रक खाद्य आपूर्ति विजय सिंह हमलाल, जिला ऑडिट अधिकारी ओम चंद वर्मा सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।