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कायाकल्प में मंडी जिला के 69 स्वास्थ्य संस्थानों को पुरस्कार, प्रदेश भर में सर्वाधिकः अपूर्व देवगन

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मंडी, 09 सितम्बर। कायाकल्प कार्यक्रम के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय गुणवत्ता आश्वासन समिति की बैठक आज यहां उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें जिला में स्थित विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने पर विस्तृत चर्चा की गई।

उपायुक्त ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके लिए सरकार के स्तर पर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इन निर्णयों का लाभ लोगों को समय पर व समग्र रूप में प्राप्त हो, इसके लिए हम सभी को समन्वित रूप से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि कायाकल्प कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में जिला के स्वास्थ्य संस्थानों का अच्छा प्रदर्शन रहा है। वर्ष 2016-17 में कायाकल्प कार्यक्रम के अंतर्गत जिला में 6 स्वास्थ्य संस्थानों को पुरस्कार प्राप्त हुए जबकि वर्ष 2023-24 में इनकी संख्या बढ़कर 69 हो गई है। इस वर्ष यह आंकड़ा 100 से अधिक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।

कायाकल्प में मंडी जिला पुरस्कृत संस्थानों की दृष्टि से प्रदेशभर में पहले स्थान पर है। वर्ष 2023-24 में लगभग 63.85 लाख रुपए के इंसेंटिव विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों को इसके तहत प्राप्त हुए हैं। इनमें नागरिक अस्पताल सुंदरनगर को कैटेगरी एक में 25 लाख रुपए का प्रथम पुरस्कार तथा दक्षता में 10 लाख रुपए का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त नागरिक अस्पताल सरकाघाट को कैटेगरी-दो में तृतीय पुरस्कार, पीएचसी पंडोल को कैटेगरी-तीन में प्रथम पुरस्कार, हैल्थ वेलनेस सेंटर हारट को कैटेगरी-चार में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है।  

उन्होंने जिला स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए एक प्रभावी रणनीति तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल मंडी तथा जिला में स्थित अन्य बड़े स्वास्थ्य संस्थानों की रैंकिंग में सुधार की दिशा में और बेहतर कार्य किया जाना चाहिए।

बैठक में बताया गया कि वर्तमान में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन समिति (एनक्यूएएस) के तहत नागरिक अस्पताल सुंदरनगर को राज्य प्रमाणन प्राप्त है और राष्ट्रीय प्रमाणन के लिए आवेदन किया गया है। जिला में स्वास्थ्य उप केंद्र श्रेणी में दो स्वास्थ्य केंद्र राष्ट्रीय प्रमाणन तथा नौ केंद्र राज्य प्रमाणन प्राप्त हैं। एईआरबी के तहत 13 सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को परिसर के भीतर एक्स-रे सुविधा के तहत लाईसेंस प्राप्त हुए हैं और इस वित्त वर्ष में तीन और स्वास्थ्य केंद्रों को इसके तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है। जिला में 9 स्वास्थ्य संस्थानों को गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के तहत अनिवार्य लैबोरेटरी सुविधाओं से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में क्षेत्रीय अस्पताल मंडी तथा नागरिक अस्पताल सुंदरनगर व सरकाघाट में यह सुविधा शुरू की जा चुकी है।

बैठक में यह भी बताया गय़ा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता परखने के लिए मेरा अस्पताल व्यवस्था शुरू की गई है। इसके तहत राज्य स्तर पर निगरानी की जा रही है। किसी भी रोगी को टेलीफोन कर वहां प्रदत्त सेवाओं के बारे में फीडबैक लिया जाता है। मंडी जिला में क्षेत्रीय अस्पताल मंडी, नागरिक अस्पताल सरकाघाट तथा जोगेंद्रनगर को इस व्यवस्था से जोड़ा जा चुका है।

इसके उपरांत उपायुक्त ने जिला स्तरीय बॉयो मेडिकल वेस्ट निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इसमें राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जिला के विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों के ऑथोराइजेशन की अद्यतन स्थिति पर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त इन अपशिष्टों के उचित निस्तारण के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्वास्थ्य संस्थानों में एसटीपी की स्थापना सहित अन्य मदों पर चर्चा की गई। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर ने इन बैठकों की कार्रवाई का संचालन किया।  

बैठक के उपरांत स्वच्छ हवा नीला आकाश अभियान के अंतर्गत वायु प्रदूषण व जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने पर भी एक प्रस्तुतिकरण दिया गया।

बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन.के. भारद्वाज, जोनल अस्पताल मंडी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी.एस. वर्मा सहित दोनों समितियों के सदस्य उपस्थित थे।

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