धर्मशाला, 12 सितंबर। जाइका समर्थित हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण-प्प्) के तहत आज कृषि विज्ञान केंद्र, काँगड़ा में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिला काँगड़ा की 15 उप-परियोजनाओं से 50 किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण का उद्देश्य कृषक विकास संघों की प्रबंधन समिति के सदस्यों को उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों से अवगत कराना था।
परियोजना के अंतर्गत कृषक विकास संघों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि परियोजना के समापन के बाद इसका प्रबंधन और रखरखाव इन्हीं संघों द्वारा किया जाएगा।
डॉ. रजनीश शर्मा, विषय विशेषज्ञ, पालमपुर, ने किसानों को परियोजना की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी और प्रबंधन समिति के सदस्यों की जिम्मेदारियों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही, लघु कृषक बागवानी सशक्तिकरण संवर्धन उत्पादन प्रबंधन और मूल्य प्राप्ति कार्यक्रम तथा जाइका सब्जी उद्यानों के बारे में भी जानकारी साझा की गई।
धर्मशाला के उद्यमी श्री विकास सरीन, जिन्होंने धौलाधार मिल्क ब्रांड के तहत दूध की एक सफल आपूर्ति श्रृंखला स्थापित की है, ने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने किसानों को सीधे उपभोक्ताओं से जोड़कर एक प्रभावी और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला को साकार किया है।
डॉ. संजय शर्मा और डॉ. दीप ने अपने व्याख्यान में किसानों को नई तकनीकों और कृषि विविधीकरण के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों को बताया कि कैसे आधुनिक कृषि पद्धतियों का प्रयोग कर उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है
जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. योगिंदर पाल ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह परियोजना किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि कृषक विकास संघों की भूमिका इस परियोजना की सफलता के लिए निर्णायक होगी, क्योंकि परियोजना के समापन के बाद इन्हीं संघों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
किसानों को जायका की विभिन्न गतिविधियों से करवाया अवगत
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