उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने प्रधानमंत्री द्वारा हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर दिए गए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री को गलत जानकारी देकर गुमराह किया और उनसे झूठ बुलवाया। प्रधानमंत्री जैसे सर्वोच्च पद का सम्मान करते हुए भाजपा को उन्हें इस तरह की हल्की राजनीति में नहीं धकेलना चाहिए था। अच्छा होता, भाजपा नेता प्रधानमंत्री से आपदा राहत के 10 हजार करोड़ रुपए दिलाने के लिए प्रयास करते, लेकिन वे नकारात्मक राजनीति में व्यस्त हैं।
दोनों मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि पिछली भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति खराब हुई। जय राम ठाकुर सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम महीनों में राजनीतिक लाभ के लिए कई मुफ्त योजनाओं की शुरुआत की और 900 से अधिक संस्थान खोल दिए, जिससे राज्य के खजाने पर भारी दबाव पड़ा। इसके बावजूद, 2022 के विधानसभा चुनावों में जनता ने भाजपा को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंपी। कांग्रेस सरकार को विरासत में 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज और कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारियां मिलीं। वर्तमान सरकार ने इन चुनौतियों से निपटने और कर्ज पर निर्भरता समाप्त करने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। राज्य में आर्थिक संकट नहीं है, बल्कि सरकार हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार सुधार कर रही है। दोनों ने कहा कि विभिन्न बोर्डों और निगमों के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को पहली तारीख को वेतन और पेंशन मिल रही है। प्रदेश में कैशफ्लो मिसमैच होने के कारण इसमें सुधार लाया जा रहा है और सरकारी कर्मचारियों की सैलरी को रोका नहीं जा रहा है।
हर्षवर्धन चौहान और रोहित ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही सुधारात्मक कदम उठाए, जिनके परिणाम अब दिखने लगे हैं। प्रदेश की आय के संसाधन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके चलते प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 20 प्रतिशत का सुधार हुआ है और एक वर्ष में 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास प्रदेश की जनता के कल्याण और विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है।
दोनों नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान दी गई 10 गारंटियों में से 5 को डेढ़ साल के भीतर पूरा कर दिया है, जो सरकार की जनहितैषी नीतियों का प्रमाण है। कांग्रेस सरकार बनने के बाद पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया गया और महिलाओं को 1500 रुपये मासिक पेंशन देना शुरू कर दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करते हुए पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू की गई है। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए 680 करोड़ रुपये का राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप फंड बनाया गया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने दूध की खरीद दरों में भी ऐतिहासिक वृद्धि की है, जिसमें भैंस के दूध की कीमत 55 रुपये और गाय के दूध की कीमत 45 रुपये प्रति लीटर निर्धारित की गई है। प्राकृतिक खेती से उगाई गई गेहूं और मक्के की फसल को क्रमशः 40 और 30 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है।
हर्षवर्धन चौहान और रोहित ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2027 तक हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जाए और 2032 तक इसे देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाया जाए। कांग्रेस सरकार के सुधारात्मक कदम इस लक्ष्य को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होंगे।
“हिमाचल के आर्थिक हालात पर पीएम के बयान को कांग्रेस मंत्रियों ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, भाजपा पर गुमराह करने का आरोप”
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