डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग के निदेशक डॉ. निपुण जिन्दल ने बताया कि प्रदेश सरकार के डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस (डीटीएंडजी) ने केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय ई-गवर्र्नंेस डिविजन के संयुक्त तत्वावधान में शिमला में एक कार्यशाला का आयोजन किया। प्रदेश में यूज़र एक्सपिरियंस और डिजाइन सिस्टम पर पहली बार जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
निदेशक डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस डॉ. निपुण जिंदल ने कार्यशाला के आयोजन और इसके विस्तृत पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विभाग द्वारा आरम्भ की गई विभिन्न महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं की जानकारी साझा करते हुए कहा कि विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली में डिजिटल प्रौद्योगिकी का समावेश सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश में ई-ऑफिस के उपयोग और सुशासन में डिजिटल गवर्नेंस के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में यूएक्स4जी डिजाइन सिस्टम के बारे में प्रस्तुति दी गई और डिजाइन थिंकिंग के बारे में अवगत करवाया गया। इसके अतिरिक्त यूएक्स4जी टीम ने हिमाचल में विभिन्न सेवायें उपलब्ध करवाने वाले ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर एक केस स्टडी भी प्रस्तुत की।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा उनकी कार्य शैली में डिजाइन सिस्टम को शामिल करने और लोगों को सुलभ और समयबद्ध जन सेवायें सेवाएं प्रदान करने के लिए कुशल कार्यप्रणाली स्थापित करने पर विशेष बल दिया गया।
सूचना प्रौद्योगिकी प्रबन्धक नरेन्द्र कुमार ने कार्यशाला की कार्यसूची प्रस्तुत की।
उप-महाप्रबन्धक अजीत कुमार, यूएक्स इंजीनियर आदित्य पी. सिंह, यूएक्स डिजाइनर आकर्षण चौहान ने कार्यशाला के विभिन्न सत्रों का संचालन किया।
इस अवसर पर यूएक्स4जी (यूजर एक्सपिरियंस फॉर गवर्नमेंट एप्लीकेशन) के अनुभव, डिजाइन और क्रियान्वयन संबंधी विषयों पर चर्चा की गई।
कार्यशाला में अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन डॉ. देव राज कौशल, भू-राजस्व की संयुक्त निदेशक डॉ. राखी सिंह, डीडीटीएंडजी के अतिरिक्त निदेशक राजीव शर्मा, संयुक्त निदेशक अनिल सेमवाल और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्यशाला में भाग लिया।
उपयोगकर्ता अनुभव और डिजाइन प्रणाली पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन
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