मंडी, 19 सितम्बर। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने जिला मंडी में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के लंबित 220 मामलों की समीक्षा की। प्रदेश सरकार ने एफसीए मामलों के निपटारे के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है। इसकी बैठक वीरवार को डीआरडीए हॉल मंडी में आयोजित की गई। बैठक में उपायुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों को वन विभाग के साथ तालमेल बिठाकर एफसीए के लंबित मामलों के समयबद्ध निपटारे के निर्देश दिये। उन्होंने वन विभाग को सभी यूजर एजेंसियों के साथ सहयोग करने का भी आग्रह किया ताकि लंबित मामलों का जल्दी से जल्दी निपटारा हो।
उन्होंने कहा कि जिन मामलों की केन्द्र सरकार ने फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए आपत्ति लगाई है उन मामलों को आपत्तियों का निपटारा करके दोबारा केन्द्र सरकार को भेजें। उन्होंने कहा कि एफसीए की मंजूरी के बाद ही विकास कार्यों के लिए विभागों को वन भूमि हस्तांतरित होगी। उन्होंने कहा कि समय पर एफसीए की मंजूरी न मिलने के कारण विकास परियोजनाओं में देरी हो रही है। बैठक में जिला मण्डी में वन भूमि में प्रस्तावित कोर्ट कॉम्प्लेक्स के निर्माण के एफसीए मामलों की समीक्षा भी की गई।
इस दौरान मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सिद्धार्थ कृपाल, वन विभाग के उच्चाधिकारी तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
एफसीए के लंबित मामलों के निपटारे के लिए 220 मामलों की हुई समीक्षा
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