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डीपीआर तैयार करने पर तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न

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मंडी, 20 सितंबर। अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी मंडी डॉ मदन कुमार ने कहा है कि प्राकृतिक आपदाओें को ध्यान में रखकर बनाई गई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट आपदा से निपटने में अहम होती है। इससे भूकंप, बाढ़, भूस्खलन आदि के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि डीपीआर तैयार करने वाले सभी विभाग प्राकृतिक खतरों को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं की डीपीआर तैयार करें।  डॉ मदन कुमार जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) मंडी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के समन्वय से आईआईटी मंडी में आपदा न्यूनीकरण के दृष्टिगत डीपीआर बनाने की कार्यशाला के समापन अवसर पर बोल रहे थे।
     कार्यशाला में जल शक्ति, लोक निर्माण, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, नगर एवं ग्राम नियोजन, वन संरक्षक, अग्निशमन विभागों के 53 प्रतिभागियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला विभिन्न आपदाओं, जैसे भूकंप, बाढ़, भूस्खलन आदि के प्रभाव को कम करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने में संबंधित विभागों के कर्मचारियों को जरूर मदद मिलेगी। इसके लिए उन्होंने आईआईटी मंडी का धन्यवाद किया। उन्होंने भाग ले रहे सभी प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया।
    आईआईटी मंडी में डीडीएमए मंडी ने 18-20 सितंबर तक विभिन्न खतरों के से बेहतर ढंग से निपटने के लिए डीपीआर तैयारी पर 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में 3 प्रमुख खतरों, बाढ़, भूकंप और भूस्खलन से संबंधित डीपीआर तैयार करने को लक्षित किया गया।
   उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं भविष्य में और जगह भी आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि किसी परियोजना के बनने के उपरांत भी खतरों से बचने के लिए डीपीआर बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि मंडी जिला में आईआई रोपड़ के सहयोग से भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील भवनों की रेट्रोफिटिंग करवाई जा रही है ताकि भूकंप आने पर इन भवनों को कोई नुकसान न हो।
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