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पर्यावरण संरक्षण में प्रादेशिक सेना की अहम भूमिकाः शिव प्रताप शुक्ल

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भारत की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ भारतीय सेना आपदा प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और अन्य गतिविधियों में जिस उत्कृष्टता के साथ कार्य कर रही है उस पर हम सभी को गर्व है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल आज यहां शिमला के निकट कुफरी में प्रादेशिक सेना के प्लेटिनम जयंती समारोह के अवसर पर सेना द्वारा किए गए कुफरी तालाब के पुनरूद्धार के लोकार्पण अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रादेशिक सेना राष्ट्र की सेवा के 75 वर्ष पूरे होने पर प्लेटिनम जुबली मना रहा है। अपने गठन से लेकर अभी तक प्रादेशिक सेना भारतीय सेना के एक अंग के रूप में उल्लेखनीय कार्य कर राष्ट्र निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रादेशिक सेना के अन्तर्गत 133 इन्फैंटरी बटालियन इको डोगरा एक अग्रणी बटालियन है, जो हिमाचल प्रदेश राज्य में पौधारोपण गतिविधियों के लिए पूरी तरह समर्पित है। हिमाचल प्रदेश के हरित आवरण को बढ़ाने में बटालियन का महत्वपूर्ण योगदान है।
राज्यपाल ने कहा कि इस बटालियन की स्थापना 15 सितंबर, 2006 को कुफरी (शिमला) में की गई थी और इसे हिमाचल इको वॉरियर्स के नाम से जाना जाता है। यह राज्य से संबंधित पूर्व सैनिकों को पुनः रोजगार भी प्रदान करती है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रादेशिक सेना के प्लेटिनम जयंती समारोह के अवसर पर बटालियन ने 15 जुलाई से 17 सितंबर, 2024 तक ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत 75,000 पौधे लगाए हैं। इसक अलावा समय-समय पर विभिन्न जन चेतना अभियानों जैसे पर्यावरण दिवस, वन महोत्सव, स्वच्छता अभियान, वृहद वृक्षारोपण एवं विद्यार्थियों के लिए कार्यशालाओं के आयोजन किए गए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि सेना ने आउटरीच कार्यक्रम के तहत ‘जल ही जीवन है’ को आदर्श वाक्य मानते हुए व जन सामान्य को इसके लिए जागृत करने के लिए कुफरी तालाब को गोद लिया था। इस बटालियन ने तालाब में पानी की बहाली, वर्षा जल संचयन, आस-पास के इलाकों की मरम्मत और नवीकरण करके तालाब के जीर्णोद्धार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जो सराहनीय हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में जल स्रोतों के प्रति जन चेतना जागृत करने में भी बटालियन का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि कुफरी में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और यहां का ऐतिहासिक महत्व भी है। पर्यावरण यहां की पहचान है इसलिए इस क्षेत्र के हरित आवरण को सुरक्षित बनाए रखने के लिए हमें सेना के प्रयासों में अपना योगदान देने की आवश्यकता है।
इससे पूर्व, प्रादेशिक सेना ग्रुप मुख्यालय पश्चिमी कमान के कमांडर ब्रिगेडियर गगनदीप सिंह बाथ ने राज्यपाल का स्वागत किया।
133 इन्फैंटरी बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मोहन सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया।
कुफरी के स्थानीय नागरिक ध्यान चंद ने कुफरी के ऐतिहासिक महत्व और तालाब के बारे में राज्यपाल को अवगत करवाया। कुफरी के पंचायत प्रधान इंद्र सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
स्टेशन कमांडर शिमला के ब्रिगेडियर नवदीप बराड़, जिला प्रशासन के अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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