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शिक्षा मंत्री ने आज पीएम श्री राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सरस्वती नगर में आयोजित अंडर-19 (छात्रा) खेलकूद प्रतियोगिता के शुभारम्भ अवसर पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
रोहित ठाकुर ने कहा की इस चार दिवसीय प्रतियोगिता में 12 जिला से 530 छात्राएं अपनी प्रतिभा दिखाएंगी। उन्होंने प्रतियोगिता के लिए बधाई देते हुए कहा कि जितनी महत्वपूर्ण शैक्षिक गतिविधियां होती हैं उतनी ही महत्वपूर्ण खेलकूद गतिविधियां होती हैं ताकि हर दृष्टिकोण से बच्चों का शरीर विकसित हो। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि सभी छात्राएं इस प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करेंगी और इसके बाद राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में वह अपना प्रदर्शन दिखाएंगी जिससे प्रदेश का नाम और रोशन होगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग हर प्रदेश सरकार का महत्वपूर्ण विभाग होता है जिसके माध्यम से क्षेत्र, प्रदेश और देश की दशा और दिशा तय होती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश निर्माता डॉ यशवंत सिंह परमार के समय से ही शिक्षा विभाग को महत्ता मिली है। 1947 में प्रदेश का साक्षरता दर केवल 7.5 प्रतिशत थी और एक लम्बी यात्रा प्रदेश वासियों ने तय की है जिसके फलस्वरूप साक्षरता दर आज लगभग 83 प्रतिशत है जोकि पूरे भारत में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि देश के शीर्ष पांच राज्यों में हिमाचल प्रदेश शामिल है जहाँ शिक्षा पर सर्वाधिक बजट व्यय किया जाता है जोकि लगभग 18 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि 2024-25 के बजट में 11 हजार करोड़ रूपए का बजट शिक्षा क्षेत्र में व्यय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वित्त वर्ष के कुल 52 हजार करोड़ रूपए के बजट में से लगभग 9800 करोड़ रूपए की राशि शिक्षा क्षेत्र के लिए रखी गई है। इसके अलावा, 1200 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि समग्र शिक्षा के माधयम से शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने में लगाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि गुणात्मक शिक्षा की दिशा में प्रदेश सरकार ने पिछले 20 माह में लगातार ठोस कदम उठाये हैं। 2022 में वर्तमान प्रदेश सरकार के बनाने के बाद पहले वर्ष में सरकार ने शिक्षा विभाग में लगभग 7000 पद भरने की स्वीकृति दी। लगभग 3000 पद प्रारंभिक शिक्षा में बैच वाइज भरे जा चुके है जोकि रिकॉर्ड भर्ती के रूप में शामिल है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के लेक्चरर के 700 पदों की भर्ती प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है और शीघ्र ही इनकी नियुक्ति दुर्गम क्षेत्रों में की जाएगी। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के प्रिंसिपल की पदोन्नति काफी समय से लंबित थी जिसके लिए 2023 में डीपीसी और सीधी भर्ती के माध्यम से प्रिंसिपल के लगभग 99 पदों को भरा गया है और हाल ही में भी प्रिंसिपल के लगभग 23 पद और भरे गए हैं। इसी प्रकार, 484 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद भी पिछले वर्ष भरा गया है और आने वाले समय में सीधी भर्ती के लगभग 2800 रिक्त पद प्रारंभिक शिक्षा विभाग में भरे जाने हैं जिसके लिए हमीरपुर चयन आयोग को मामला भेजा जा चूका है। उन्होंने बताया कि लगभग 6200 एनटीटी की भर्ती भी शीघ्र प्रारम्भ होने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का ध्येय है कि प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रयाप्त मात्रा में शिक्षक उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि शिक्षा का प्रदेश का अपना मॉडल सबसे बेहतर रहा है क्योंकि यहाँ दुर्गम परिस्थितियां होने के बावजूद प्रदेश ने शिक्षा में नए आयाम स्थापित किये हैं।
रोहित ठाकुर ने कहा कि सरस्वती नगर कॉलेज में पिछले डेढ़ वर्ष के दौरान लगभग 7 नए कोर्स चलाये गए ताकि स्किल बेस्ड एजुकेशन स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो। इसी प्रकार, प्रगतिनगर के तकनिकी संसथान में नई स्ट्रीम चलाई। आने वाले समय में इसे और आगे बढ़ने के प्रयास किये जायेंगे।
सरस्वती नगर स्कूल में मंच निर्माण के लिए 34 लाख देने की घोषणा
रोहित ठाकुर ने सरस्वती नगर स्कूल में मंच निर्माण के लिए 34 लाख रूपए देने की घोषणा। इसी प्रकार, उन्होंने साइंस ब्लॉक में शौचालय निर्माण के लिए भी पैसा देने का आश्वाशन दिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने छत की मुरमत के लिए प्राकलन तैयार करवाने के निर्देश दिए ताकि इसके लिए पैसा स्वीकृत करवाया जा सके। सरस्वती नगर कॉलेज के बहुउदेशीय भवन का कार्य प्रगति पर है और इस पर 8 करोड़ 36 लाख रूपए की राशि व्यय होगी। इसी तरह, नया पीजी ब्लॉक 3 करोड़ रूपए से बन रहा है तथा इंडोर स्टेडियम का टेंडर भी शीघ्र लगेगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता एवं प्रगति मूल्यांकन हेतू दिसंबर के प्रथम सप्ताह में नेशनल एसेस्मेन्ट सर्वे भारत सरकार द्वारा किया जायेगा उसमे सरकारी स्कूलों के आलावा निजी स्कूल भी पूरी गंभीरता और उत्साह के साथ भाग लें। उन्होंने कहा कि जहां पूरे प्रदेश में 40 प्रतिशत विद्यार्थी निजी संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे है वहीं यह आवश्यक हो जाता है कि सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूल भी अपनी सहभागिता दर्ज करें तथा आज से ही पूरी गंभीरता से तैयारी आरम्भ कर दें जिससे हिमाचल का शिक्षा के क्षेत्र मे अच्छा प्रदर्शन हो।
नशे की बजाय खेलों से जुड़ें युवा
शिक्षा मंत्री ने नशे के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान समय में नशा हमारे समाज के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है और यह अति आवश्यक है कि हम सभी मिलकर नशे को जड़ से उखाड़ कर सदैव के लिए समाप्त करें, जिसके लिए हमें सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने विद्यार्थियों एवं युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें नशे कि बजाय खेलों से जुड़ना चाहिए जिससे की उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो सके।
प्रतियोगिता के सभी 12 ज़िलों से आई छात्राओं के दलों द्वारा बेहतरीन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। इस बीच शिक्षा मंत्री ने बच्चों और शिक्षकों के साथ नाटी भी डाली।
यह भी रहे उपस्थित
इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा, पंचायत समिति अध्यक्ष मोती लाल स्थिटा, निदेशक हिमफैड भीम सिंह झौटा, उप निदेशक उच्च शिक्षा लेख राज भारद्वाज, उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, प्रधानाचार्य नाविन्दर केश्टा, अध्यक्ष युवा कांग्रेस जुब्बल दीपक कालटा, पंचायत समिति के सदस्य, एसडीएम गुरमीत सिंह नेगी, पूर्व पंचायत समिति सदस्य शारदा ठाकुर, विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।