मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां राजस्व विभाग की एक समीक्षा बैठक में सभी लम्बित राजस्व मामलों का निपटारा करने के लिए विशेष अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से लम्बित मामलों का निपटारा किया जा रहा है तथा इसमें और तेजी लाई जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से छुटकारा मिलना चाहिए जिस पर राजस्व अधिकारियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
श्री सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार लोगों को घर-द्वार पर सुविधाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है और लम्बित राजस्व मामलों का निपटारा करना अति आवश्यक है। उन्होंने सभी मण्डलायुक्तों और उपायुक्तों को दुरूस्ती के सभी लम्बित मामलों का 31 अक्तूबर, 2024 तक निपटारा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त लम्बित राजस्व मामलों की समीक्षा के लिए अपने-अपने जिलों में एक-एक नोडल अधिकारी की तैनाती करें और इसकी सूचना सरकार को भेंजे ताकि लम्बित मामलों को समय सीमा के भीतर निपटाया जा सके।
उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों के निपटारे के लिए उपायुक्तों को नायब तहसीलदार तक खाली पड़े पदों को भरने की शक्तियां प्रदान की गई हैं और इसके लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह नवम्बर माह में इस मामले की दोबारा समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पिछले साल आई आपदा के प्रभावितों के लिए किए गए राहत कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज के रूप में 4500 करोड़ रुपये जारी किए हैं तथा इस धनराशि से प्रभावित परिवारों की भरपूर मदद सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, बंदोवस्त अधिकारी आदित्य नेगी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जबकि सभी उपायुक्त वर्चुअली बैठक से जुड़े।
मुख्यमंत्री ने 31 अक्तूबर तक दुरूस्ती के लम्बित मामलों का निपटारा करने के निर्देश दिए
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